दंतेवाड़ा| बस्तर में नक्सलियों की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा घटना में, नक्सलियों ने बारसूर थाना क्षेत्र के तुसवाल पंचायत के दो गांवों—तोड़मा और कोहकावाड़ा—के आठ परिवारों को जान से मारने की धमकी देकर गांव छोड़ने पर मजबूर कर दिया। दहशत में आए ये सभी परिवार अब बस्तर जिले के किलेपाल गांव में शरण लेने के लिए निकल पड़े हैं।






मओवादियों की जनअदालत में सुनाया गया तुगलकी फरमान
मिली जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले पूर्वी बस्तर डिविजन के नक्सली तुसवाल पंचायत पहुंचे और वहां जनअदालत लगाई। इस दौरान उन्होंने इन परिवारों पर पुलिस मुखबिरी करने और थुलथुली मुठभेड़ में शामिल होने का आरोप लगाया। इसके बाद नक्सलियों ने उन्हें सजा के तौर पर गांव छोड़ने का आदेश दे दिया।
डरे-सहमे ग्रामीणों ने छोड़ा अपना घर
नक्सलियों की धमकी के बाद इन परिवारों ने अपनी जान बचाने के लिए गांव छोड़ दिया। वे दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सीमा पर बसे तुसवाल पंचायत के निवासी थे। फिलहाल, सभी परिवार किलेपाल गांव में पनाह लेने के लिए निकले हैं, जहां वे सुरक्षित जगह की तलाश कर रहे हैं।
प्रशासन और सुरक्षा बल अलर्ट
इस घटना के बाद सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है और प्रभावित परिवारों को सुरक्षा देने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
बस्तर में नक्सलियों का आतंक जारी
बस्तर क्षेत्र में नक्सली लगातार अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। ग्रामीणों को पुलिस मुखबिरी के नाम पर डराना और उन्हें विस्थापित करना नक्सलियों की पुरानी रणनीति रही है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्षेत्र में नक्सल समस्या अब भी गंभीर बनी हुई है।