पूजा खेडकर के खिलाफ केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, ट्रेनी IAS के पद से तत्काल प्रभाव से किया सेवामुक्त


नई दिल्ली : बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर  के खिलाफ अब केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से ट्रेनी IAS के पद से मुक्त कर दिया है।केंद्र सरकार ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर को आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया।


क्‍या हुआ था पूजा से विवाद
आरोप है कि महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे कलेक्‍टर सुहास दिवसे से वीआईपी सुविधाओं की डिमांड की थी. पूजा ने ज्‍वाइन करते ही कलेक्‍टर से गाड़ी, बंगला और कर्मचारियों की मांग की थी, जिसके बाद पुणे कलेक्‍टर सुहास दिवसे ने सामान्‍य प्रशासन विभाग जीएडी को लेटर लिखकर पूजा खेडकर की शिकायत कर दी थी. बताया जाता है कि सुहास दिवसे ने 24 जून को पूजा खेडकर को लेकर शिकायत की थी, जिसमें दिवसे ने सामान्‍य प्रशासन विभाग को आईएएस पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर की ओर से कलेक्‍टर ऑफिस में सुविधाओं को लेकर बनाए जा रहे अनुचित दबाव के बारे में बताया था. साथ ही यह भी मेंशन किया था कि प्रोबेशनरी आईएएस अफसर होने के बाद भी पूजा खेडकर स्‍पेशल सुविधाओं की डिमांड कर रही हैं.

ऑडी कार पर भी विवाद
इसके अलावा वह अपनी अपनी निजी ऑडी कार पर लाल नीली बत्‍ती और महाराष्ट्र सरकार लिखी हुई नंबंर प्‍लेट का भी प्रयोग कर रही हैं. बता दें कि पूजा खेडकर को पुणे कलेक्‍टर ऑफिस में 3 जून 2024 को असिस्‍टेंट कलेक्‍टर के रूप में नियुक्‍त किया गया था. सुहास दिवसे ने अपने लेटर में लिखा था कि पूजा खेडकर के पिता ने कलेक्‍टर ऑफिस के अधिकारियों से कहा था कि उनकी बेटी पूजा खेडकर के पहुंचने से पहले उनके लिए केबिन घर आदि की व्‍यवस्‍थाएं हो जानी चाहिए. इसी को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि पूजा खेडकर को लेकर एक से एक खुलासे होने लगे. अब तो खुलासा यह तक हो गया है कि उन्‍होंने यूपीएससी की परीक्षा भी फर्जी दस्‍तावेजों के आधार पर दी है.


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