रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का रायपुर स्थित निवास कार्यालय में धूम-धाम से हरेली तिहार मनाया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री निवास को दुल्हन की तरह सजाया गया है। मुख्यमंत्री निवास एक छोटे से गांव की तरह नजर आ रहा है, जहां हर तरफ हरेली की धूम है। यहां मेले-मड़ई जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। रहचुली झूला, गेड़ी और सुंदर बैलगाड़ियों से पूरा परिसर हरेली की रौनक से दमक रहा है। पारंपरिक लोक यंत्रों के साथ सुंदर नाचा का आयोजन हो रहा है। पूरे परिसर में उत्सव का माहौल है। यही नहीं छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से मुख्यमंत्री निवास महक रहा है। आगन्तुकों के त्योहार में स्वागत के लिए खास तौर पर ठेठरी, खुरमी, पीडिया, गुलगुला भजिया, चीला जैसे पकवान बनाए गए हैं।



हरेली तिहार का आरंभ सावन महीने की अमावस्या से होता है। हरेली का त्यौहार का संबंध कृषि से जुड़ा है इस दिन खेतों में बोनी पूर्ण होने के बाद अच्छी फसल की आस में कृषि यंत्रों की पूजा की जाती है। हरेली त्यौहार में स्वच्छता का भी महत्व है गांवों में विशेष सफाई और सजावट की जाती है। घरों के आंगनों और खेतों में नीम के पत्तों, आम की पत्तियों और गोबर से अल्पना बनाई जाती है, जो शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ में हरेली का त्यौहार बड़े उत्साह से मनाया जाता है।

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गांव में बच्चे त्योहारों को आनंद गेड़ी चढ़कर लेते हैं। बच्चे से लेकर बूढ़े तक गेड़ी दौड़ में शामिल होते हैं। इस दिन खेती-किसानी में सहयोग देने वाले पशुओं विशेष रूप से गाय, बैल की पूजा की भी पूजा की जाती है। घरों में इस दिन छत्तीसगढ़ी पकवान बनाए जाते हैं। मुख्यमंत्री निवास में ग्रामीण परिवेश जीवंत हो उठा है। कहीं सुंदर वस्त्रों में सजे राऊत नाचा कर रहे कलाकारों की रंगत है तो कहीं आदिवासी कलाकार अपने पारंपरिक लोक नृत्य करते नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ का अद्भुत ग्रामीण लैंडस्केप अपनी सम्पूर्ण सांस्कृतिक सुंदरता में यहां दिखायी दे रहा है। अलग अलग तरह की धुनों में छत्तीसगढ़ी संगीत का माधुर्य अपने चरम पर है।

सीएम निवास में लगी कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी
मुख्यमंत्री निवास में हरेली पर्व के अवसर पर कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगायी गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय इस लोक पर्व के अवसर पर छत्तीसगढ़ के किसानों को उन्नत कृषि यंत्र की सौगात भी देंगे। किसानों को कृषि यंत्रीकरण मिशन के तहत 20 ट्रैक्टर एवं एक हारर्वेस्टर का वितरण भी किया जाएगा। कृषि यंत्रीकरण मिशन के तहत राज्य के 1600 किसानों को ट्रैक्टर दिए जाने का लक्ष्य है। सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कृषकों को ट्रैक्टर 50 प्रतिशत अनुदान पर तथा अन्य वर्ग के कृषकों को 40 प्रतिशत अनुदान पर प्रदाय किया जाएगा।

गेडी के साथ भौंरा, पिट्ठूल व मलखंभ में दिखाए जौहर
मुख्यमंत्री निवास छत्तीसगढ़ की अलग-अलग कला-संस्कृति की बिखर रही छटा पारम्परिक वेशभूषा में गेड़ी के साथ युवा आकर्षक नृत्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास में गेड़ी की चढ़ाई के साथ ही युवा भौंरा, गिल्ली-डंडा, पिट्ठूल, कंचा (बाँटी) खेल रहे हैं। इस मौके पर सीएम निवास में मलखंभ के खिलाड़ी भी अपना जौहर दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास में जब इन खिलाड़ियों ने अपना जौहर दिखाया तो लोगों ने दांतों तले उंगली दबा ली। मलखंभ हमारी परंपरा है। यह शारीरिक फुर्ती के साथ मनोरंजन का भी अनोखा खेल है। नारायणपुर के मलखंभ खिलाड़ियों का लोहा पूरे देश ने माना है और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार इसे आगे बढ़ाने के लिए काफी कार्य कर रही है।