द्वारिकापुरी में भव्य मंदिर का निर्माण, प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में 12 से जुटेंगे श्रद्धालु


द्वारिकापुरी हाउसिंग सोसायटी पोटिया में तीन दिवसीय आयोजन, 14 को भंडारा
दुर्ग । शहर के पोटियां स्थित द्वारिकापुरी हाऊसिंग सोसायटी में श्री राधाकृष्ण, श्री बजरंग बली एवं श्री शिव दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसे लेकर सोसायटी द्वारा 12 से 14 फरवरी तक तीन दिवसीय भव्य समारोह का आयोजन किया गया है। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में धार्मिक कार्यक्रमों के अलावा भजनों की धूम मचेगी। यह समारोह पं. आचार्य डॉ. विक्रांत दुबे के सानिध्य में 5 अन्य विद्यवान पंडितों द्वारा पूरे मंत्रोच्चार के साथ संपन्न करवाया जाएगा। भव्य मंदिर लगभग 25 हजार स्क्वेयर फीट क्षेत्र में बनकर तैयार हुआ है। जिसके 4 गुंबदों व अन्य निर्माण कार्य महाराष्ट्र नादेड़ के कलाकारों द्वारा किए गए हैं। मूर्तियां राजस्थान से लाई गई है। मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विशेष विद्युत साज-सज्जा के अलावा पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया है। जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। समारोह में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे। जिसे लेकर आयोजन समिति द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। यह बातें द्वारिकापुरी हाउसिंग सोसायटी आयोजन समिति के प्रमुख राजेंद्र साहू ने शनिवार को मीडिया से चर्चा में कही।
इस दौरान जनसमर्पण सेवा संस्था अध्यक्ष बंटी शर्मा, द्वारिकापुरी हाउसिंग सोसायटी अध्यक्ष आलोक चंद्राकर, आशुतोष सिंह, विनय चंद्राकर, राहुल दुबे, आलोक शर्मा, जीपी साहू, यतीश वर्मा, अश्वनी राजपूत, तुलादास बैस, टीके साहू, बीएल चंद्राकर, प्रकाश शर्मा, राहुल शर्मा, कविता चावला, लवली रंधावा, मीनू लालजी, प्रीति दुबे, नारायणी साहू, प्रेमलता राजपूत, अंजली अग्रवाल भी मौजूद थीं। चर्चा में आयोजन समिति के प्रमुख एवं कांग्रेस नेता राजेंद्र साहू ने बताया कि तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत 12 फरवरी को प्रात: 7 बजे शिवनाथ नदी तट पर यजमान पूजन एवं दसविधा स्नान के साथ होगी। तत्पश्चात प्रात: 8 बजे पोटिया तालाब से भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें एक रंग की साड़ी पहनकर सैकड़ों महिलाएं गाजा-बाजा के साथ कलश लेकर मंदिर पहुंचेंगी। प्रात: 11 बजे कलश यात्रा में लाए जल से भगवान का जलाभिषेक कराया जाएगा। दोपहर 1 बजे देश एवं प्रदेश के विभिन्न नदियों से लाए गए जल से भगवान का तीर्थ जलाभिषेक कराया जायेगा एवं दोपहर 3 बजे भगवान का अन्नाधिवास कराया जाएगा। इस विधान में मंदिर में स्थापित की जाने वाली सभी मूर्तियों को अन्न में रखा जाएगा। रात्रि 7 बजे महसुर एकता मानस मंडली द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी।
श्री साहू ने बताया कि समारोह के दूसरे दिन 13 फरवरी को प्रात: 9 बजे वेदी पूजन पश्चात भगवान का सभी प्रकार के फूलो से पुष्पाधिवास, दोपहर 12 बजे विभिन्न प्रकार के फलों से भगवान का फलाधिवास कराया जाएगा। तत्पश्चात हवन पूजन का कार्यक्रम शुरु होगा जो कि देर रात तक चलेगा। रात्रि 8 बजे भगवान का शैय्याधिवास कराकर भगवान को विश्राम कराया जाएगा। रात्रि में प्रसिद्ध भजन सम्राट पलास शर्मा (भाटापारा) द्वारा श्रीकृष्ण व अन्य भगवानों पर आधारित भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी।
तीसरे व अँतिम दिन 14 फरवरी को प्रात: 6 बजे भगवान को विश्राम से उठाकर स्नान ध्यान कराकर प्रात: 11 बजे से भगवान की मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा विधान शुरु होगी। हवन पूजन व पूर्णाहुति के बाद दोपहर 12 बजे भगवान का अलौकिक श्रृगांर किया जावेगा। तत्पश्चात छोटी बालिका के हाथों से भगवानों के नेत्र खुलवाएं जाएंगे। महाआरती के बाद भगवान को 56 भोग लगाया जाएगा। दोपहर 1 बजे से से महाभंडारा प्रसादी का आयोजन किया गया है। श्री साहू ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सभी वर्ग को आमंत्रित किया गया है। कलश यात्रा से लेकर अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में उन्होंने श्रद्धालुओं से शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त करने की अपील की है।



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