हाई कोर्ट का फैसला, एंटी करप्शन ब्यूरो को आरटीआई से छूट देने का नियम गलत, सरकार तीन सप्ताह में जारी करे नई अधिसूचना


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जानकारी को आरटीआई से बाहर रखने के नियम को गलत बताते हुए सामान्य प्रशासन विभाग को नई अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है।


चिरमिरी के आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सन् एसीबी में अधिकारियों के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों की जानकारी मांगी थी। वर्ष 2013 में उनके आवेदन को यह कहते हुए नामंजूर कर दिया गया कि एससीबी की एफआईआर आरटीआई एक्ट के दायरे से बाहर है। यह जानकारी दी गई कि 1 अगस्त 2013 को एक अधिसूचना जारी कर सामान्य प्रशासन विभाग ने एसीबी को आरटीआई एक्ट की धारा 24 से छूट मिली हुई है।

इस प्रावधान के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता मिश्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। अपने मामले की स्वयं पैरवी करते हुए उन्होंने यह कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश आरटीआई एक्ट के उद्देश्यों के विपरीत है। राज्य शासन की ओर से जवाब आने के बाद सितंबर महीने में मामले की अंतिम सुनवाई हुई थी।

जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने अब इस पर फैसला देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि तीन सप्ताह के भीतर नई अधिसूचना जारी की जाए और आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी चार सप्ताह के भीतर प्रदान की जाए।


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