मोदी ने भूखे कुपोषित लोगों की बात नही सुनी सिर्फ अपनी सुनाई : बैज
रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने देश में बढ़ती भुखमरी को लेकर चिंता जाहिर करते हुए इसके लिए केंद्र की मोदी भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का एक ही मकसद है गरीब, मजदूर, कुपोषित और भूख से पीड़ित लोगों के लिए चलने वाली योजनाओं के बजट में कटौती करना है। 2022 में देश विश्व मे भुखमरी के मामले में 107 नम्बर था जिसमें सुधार होने के बजाये आज 111 नम्बर पर पहुँच गया है। देश के 18.7 प्रतिशत बच्चे बेहद कमजोर है, 58 प्रतिशत बच्चियों में खून की कमी पाई गई है जो बेहद चिंता का विषय है। 125 देशों में भारत भुखमरी के मामले में पड़ोसी देशों से भी खराब स्थिति में है। देश की 16.6 प्रतिशत आबादी कुपोषित है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दिन में कई बार कपड़ा बदलने वाले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सूट बूट की सरकार देश में भुखमरी खत्म करने में असफल साबित हुई है। मोदी सरकार की हम दो और हमारे दो की नीतियां ही गरीबों के जीवन में विकराल संकट उत्पन्न किया है। बीते 9 साल से नरेंद्र मोदी अपनी मन की बात सुना रहे हैं जबकि उन्हें भूखे कुपोषित कमजोर वर्ग की आवाज को सुनना चाहिए। भुखमरी खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं किया है ना ही कोई योजना बनाई है और ओबीसी, एसटी, एससी वर्ग की बेटी और बेटियां सबसे ज्यादा कुपोषित कमजोर दुर्बल है। इसे समझ में आता है की इन वर्गों को लेकर मोदी सरकार भेदभाव की नीति से काम कर रही है दुर्भावना से ग्रसित होकर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के बाद देश में कर्ज बढ़ा है, महंगाई बढ़ी है, रोजी रोजगार के गंभीर संकट उत्पन्न हुए हैं, किसान हताश और परेशान हुए हैं, लोगो मे निराशा है, सरकारी संपत्तियों हवाई जहाज, रेलवे स्टेशन बेचे जा रहे हैं, केंद्र की सरकारी नौकरियों मे भर्ती बंद है। सरकारी योजनाओं को चलाने के लिए केंद्र के पास पैसा नहीं है, बजट में कटौती किया जा रहा है, जिसका ही परिणाम है कि देश भुखमरी के दायरे से बाहर आने के बजाय और गर्त में जा रहा है। महंगाई और बेरोजगारी के चलते परिवार के मुखिया अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को सुपोषित आहार दवाइयां और भरपेट भोजन देने में भी लाचार और असहज महसूस कर रहे हैं और केंद्र की योजनाएं सिर्फ कागजों में चल रही है धरातल पर उतर नहीं रही है।