रायपुर । प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिहदेव व दीपक म्हस्के ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है कि जब वे कांग्रेस के एक दो छोड़कर लगभग सभी विधायकों की परफॉर्मेंस बेहतर बताते रहे हैं तो अब क्या हो गया कि जैसे तैसे जारी अढ़ाई दर्जन उम्मीदवारों की पहली ही खेप में 8 विधायक बेटिकट हो गए। हम कहते रहे हैं कि कांग्रेस विधायक जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं तब मुख्यमंत्री इसे नकारते रहे। हम यह भी कहते रहे हैं कि कांग्रेस सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री ने जनता को पूरी तरह निराश किया है। छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का एटीएम बना रखा है लेकिन कांग्रेस का कमाल देखिए कि सारे मंत्री टिकट पा गए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया का सर्वे नकारने वाले मंत्री तक ने डंके की चोट पर टिकट लेकर कांग्रेस संगठन को उसकी हैसियत और अपनी ताकत बता दी। कांग्रेस के टिकट वितरण में यह साफ दिखने लगा है कि 5 साल में जिन लोगों ने केंद्रीय नेतृत्व को खुश करने में जितने भागीदारी की है, टिकट में उनको उतनी हिस्सेदारी मिल रही है। इस टिकट वितरण में एक बात और साफ तौर पर दिख रही है कि कांग्रेस ने यह सत्य स्वीकार कर लिया है कि उसके विधायक नकारा हैं। जनता उन्हें पहचानती नहीं है। कांग्रेस ने इस सच पर मोहर लगा दी है।
अभी तो कांग्रेस की पहली चुनावी तस्वीर सामने आई है, जिसमें दो तथ्य प्रकट हुए हैं कि छत्तीसगढ़ को लूटने में जिन्होंने। अपनी प्रतिभा का परिचय दिया, अपने कप्तान के लूटमार खेल में सहभागिता कर अच्छे अंक हासिल किए, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टिकट मिल गई, जिन विधायकों को ‘कौशल विकास’ का अवसर नहीं मिला, जिन विधायकों ने जनता के लिए मुखरता दिखाई और जो विधायक कांग्रेस की गुटबाजी का शिकार होकर उपेक्षित रहे, उनकी टिकट कट गई। अब कांग्रेस की कढ़ाई से जैसी 30 अधकच्ची पूरियां निकली हैं, उनसे जाहिर हो रहा है कि बाकी 60 का क्या हाल होगा। झूठे वादे करके, जनता को भ्रमित करके कांग्रेस की सरकार बनी और 5 साल केवल घपले घोटाले, भ्रष्टाचार, माफियाराज के अलावा छत्तीसगढ़ को कुछ नहीं मिला। विकास की घड़ी का कांटा दिसंबर 2018 पर रुक गया। अब जनता इस भ्रष्ट सरकार को उखाड़ने तैयार है और इस नेक काम में कांग्रेस के उम्मीदवार सहायक सिद्ध होंगे।
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को खास टारगेट दे रखा था। इसकी एक बानगी चंद्रपुर विधायक यादव की नोटों के बंडलों के साथ वीडियो के जरिए सामने आ चुकी है। ऐसा जान पड़ता है कि जो विधायक टारगेट पूरा नहीं कर सके हैं, उनकी ही टिकट कटी है और आने वाली लिस्ट में जिन विधायकों का पत्ता कटेगा, वह भी ऐसे ही होंगे, जो टारगेट पूरा न कर पाए हों। यदि चंद्रपुर से विधायक को टिकट दी गई तो यह पता चल जाएगा कि उन्होंने टारगेट पूरा कर लिया और यदि उनकी टिकट कटी तो यह भी साबित हो जाएगा कि टारगेट का खुलासा हो जाने के कारण वह उसे पूरा नहीं कर पाए होंगे इसलिए उनकी टिकट कट गई।