नई दिल्ली। राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता वापस मिलने के बाद उन्हें 12 तुगलक स्थित सरकारी आवास वापस मिल गया है। लेकिन अब खबर यह आ रही है कि कांग्रेस नेता ने हाउसिग कमेटी को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें पुराना आवास नही चाहिए। राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने के बाद उन्हें पुराना आवास दोबारा आवंटित हो गया था। बंगले में वापसी के लिए राहुल गांधी को 15 दिन के अंदर लोकसभा कमेटी में जवाब देना था, जिसकी डेडलाइन 23 अगस्त को समाप्त हो गई है। वहीं, राहुल गांधी ने इस बंगले में रहने से क्यों मना कर दिया है, इसके पीछे की वजह अभी सामने नहीं आई है।
बता दें कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी 19 साल से 12 तुगलक लेन वाले सरकारी बंगले में रह रहे थे। मोदी सरनेम मामले में सूरत हाईकोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद उन्हें यह सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश मिला था। संसद सदस्यता बहाल होने के साथ ही उन्हें पुराना आवास दोबारा आवंटित कर दिया था। इस्टेट ऑफिस ने राहुल गांधी से 8 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा था कि क्या वह उसी घर में रहना चाहते हैं या नहीं। अमेठी से सांसद चुने जाने के बाद राहुल गांधी को यह बंगला मिला था। हालांकि, कांग्रेस नेता ने राजधानी दिल्ली में भी एक बंगला रखा है।
राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ लुटियन जोन में 7 सफदरजंग लेन का घर देखा था। 7 सफदरजंग लेन वाला यह बंगला 1980 में सांसद महाराजा रंजीत सिंह गायकवाड़ को आवंटित किया गया था। महाराजा रंजीत सिंह 27 नवंबर, 1989 तक सांसद रहे। 27 दिसंबर, 1989 को आवंटन रद्द कर दिया गया था। राहुल गांधी ने 22 अप्रैल को अपना बंगाल खाली करना पड़ा था। इसके बाद कांग्रेस नेता अपनी मां सोनिया गांधी के आवास पर शिफ्ट हो गए थे।