रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में एग्जॉटिक मांगुर और बिग हेड प्रजाति की मछली के पालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में मछली पालन विभाग ने निर्देश जारी किया है।
उल्लंघन करने वालों को एक वर्ष की जेल और 10 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है। प्रदेश में इस तरह की मछलियों के मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्य बीज संवर्धन और पालन तीनों को निषेध घोषित किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार ये मछलियां, देसी प्रजाति की मछलियों के लिए हानिकारक हैं। इनकी वजह से इसके पालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही इनके सेवन से इंसानों की त्वचा में बीमारी भी हो सकती है। इन प्रतिबंधित मछलियों से संबंधित किसी भी गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर दोष सिद्ध के बाद संबंधित को मत्स्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सभी प्रकार की योजनाओं से वंचित भी कर दिया जाएगा।
बता दें कि मांगुर मछली के पालन और विक्रय पर प्रतिबंध लगाने की वजह इन मछलियों का मांसाहारी होना है। वहीं इसका उपयोग करने वालों में कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सकों के अनुसार मांगुर मछली खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा रहता है।
मछली के खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारी का खतरा
यह मछली पूरी तरह से मांसाहारी होती है और इसके मांस में 80 फीसदी तक लेड और आयरन की मात्रा होती है। इसलिए इसके आहार से शरीर में आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, मरकरी, लेड की मात्रा बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। इससे कैंसर के साथ-साथ यूरोलाजिकल, लिवर की समस्या, पेट एवं प्रजनन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।