विज्ञान के लोकव्यापीकरण में साईंस सेन्टर की महत्वपूर्ण भूमिका : सत्यनारायण शर्मा


छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस के स्थापना दिवस पर वेबसाइट का विमोचन


रायपुर। छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर के 12वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक सत्यनारायण शर्मा ने विज्ञान लोकव्यापीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका को इंगित करते हुए इसे जन-मानस तक पहुंचाने में साइंस सेन्टर की महती भूमिका की सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार हेतु प्रेरित किया। इस अवसर उन्होंने रीजनल साइंस सेंटर की वेबसाइट का भी विमोचन किया गया।

मुख्य अतिथि विधायक सत्यनारायण शर्मा ने साइंस सेंटर के 12 वर्ष पूर्ण होेने पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बच्चों में विज्ञान के प्रति हमारी रूचि कैसे बढ़े, विज्ञान विषय को रूचिकर कैसे बनाएं। इस दिशा में साइंस सेंटर काम कर रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, कोलकाता के पूर्व महानिदेशक जी. एस. रौतेला ने की। कार्यक्रम में विभिन्न शालाओं से आये 500 छात्र-छात्राओं ने अन्य अन्य कार्यक्रम यथा- विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रादर्श प्रदर्शनी, वैज्ञानिक व्याख्यान एवं विज्ञान चित्र प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र तथा चयनित उत्कृष्ट विद्यार्थियों को वर्ग अनुसार पुरस्कार विधायक सत्यनारायण शर्मा एवं महानिदेशक एस.एस. बजाज द्वारा प्रदान किया।

छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेन्टर का मुख्य उद्देश्य समाज के वैज्ञानिक संकाय को प्रोत्साहित करना तथा उनमें तार्किक वैज्ञानिक सोच विकसित करना है। छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेन्टर अपने विभिन्न क्रियाकलापों, उपलब्ध प्रतिक्रियात्मक प्रदर्शनियों जैसे परिमापन, छत्तीसगढ़ के संसाधन एवं मनोरंजन विज्ञान गैलरियों, अस्थायी प्रदर्शनी हॉल, बच्चों का कोना, विज्ञान प्रदर्शन कोना, तारामण्डल, 3-डी रंगमंच सुविधा, विज्ञान उद्यान, वाचनालय-सह-संगोष्ठी हॉल तथा अन्य जनोपयोगी सुविधाएं का उपयोग करते हुये अपने उद्देश्यों के पूर्ति के लिये स्थापना वर्ष से सतत प्रयासरत है। कार्यक्रम में महानिदेशक एस.एस. बजाज द्वारा विज्ञान लोकव्यापीकरण के क्षेत्र में प्रदेश स्तर पर सतत कार्य करने हेतु केन्द्र की प्रतिबद्धता व्यक्त की एवं अतिथियों एवं छात्र-छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

गौरतलब है कि विज्ञान के क्षेत्र में समसामयिक अनुसंधान के प्रति जन जागरुकता विकसित करने तथा जन मानस के प्रति विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने में विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्ष 1950 में पं. जवाहर लाल नेहरू, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री तत्कालीन समय के प्रसिद्ध उद्योगपति जी.डी. बिड़ला एवं विश्व के प्रसिद्ध भौतिकीविद प्रो. के. सी. कृष्णनन एवं डॉ. बी.सी. रॉय ने भारत में विज्ञान संग्रहालय के स्थापना की नींव रखी। इस तारतम्य में राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तहत् 1978 में स्थापित किया गया जो कि पूरे भारत में फैले 26 विज्ञान केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन में महती भूमिका है। इसी श्रृंखला में राज्य के जनमानस में विज्ञान के प्रति रूचि जागृत करने एवं सम-सामयिक अनुसंधान के प्रति जागरूकता विकसित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेन्टर की स्थापना की गई।


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