रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि चौतरफा निराशा में डूबी भाजपा डिप्रेशन का शिकार है। इसके केंद्रीय नेताओं से लेकर स्थानीय नेताओं तक का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। हिमाचल, कर्नाटक के बाद अब पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में बुरी तरह ठुकराए जाने से भाजपा को अहसास हो गया है कि अब पूरे देश में दुर्गति होना तय है। छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि पार्टी का अस्तित्व बचाने छत्तीसगढ़ दौरे के लिए मोदी – शाह दौड़ लगा रहे हैं। तू चल, मैं आया की तर्ज पर एक आकर जाता है तो दूसरा चला आता है। चार साल से छत्तीसगढ़ को भूले बैठे मोदी को अब हर हफ्ते छत्तीसगढ़ का सपना आ रहा है। छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे लगाने की प्रैक्टिस कर रहे हैं। भाजपा में महाभारत इस तरह चरम पर है कि केंद्रीय गृह मंत्री देश की चिंता छोड़ छत्तीसगढ़ भाजपा की वजूद बचाने बार -बार आ रहे हैं और हर बार निराश होकर जा रहे हैं। सब कुछ बदल के देख लिया। लेकिन भाजपा की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा। मोदी- शाह वेंटिलेटर बन कर कृत्रिम सांसें दे रहे। कोई फर्क नहीं पड़ना। वेंटिलेटर भी काम नहीं आने वाला।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भाजपा के सारे नेताओं की बयानबाजी साबित कर रही है कि सभी कुंठित मानसिकता के गुलाम बन गए हैं। टिकट कटने की आशंका इन्हें सता रही है। छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने का ख्वाब देख रहे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को खुद की टिकट का भरोसा नहीं है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का भी यही हाल है। घोषणा पत्र समिति से बाहर हो गए तो भय सता रहा है कि अब आगे क्या होगा। उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याएं दिखने लगीं। इतने दशक से कर क्या रहे थे? खुद साबित कर रहे हैं कि न मंत्री रहते हुए कुछ किया न विधायक रहते। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल की मनोदशा भी यही है। इनके प्रदेश अध्यक्ष को कोई पसंद नहीं कर रहा। सब अपने आप में सिकंदर हैं। हालत यह है कि दिल के टुकड़े हजार हुए, कोई यहां गिरा, कोई वहां गिरा। मौजूदा जो तेरह हैं, चार माह बाद दस भी नहीं बचेंगे। यही भाजपा की बौखलाहट की असली वजह है।