रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे से पूर्व प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर पूर्व की रमन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाते हुए कहा कि रमन राज में 1 लाख करोड़ का घोटाला हुआ था। कांग्रेस ने कुल 34 घोटालों की लिस्ट जारी करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। वहीं कहा कि PM नरेंद्र मोदी कब इन घोटालों की जांच कराएंगे।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी छत्तीसगढ़ आ रहे है उनका स्वागत है। प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार पर रोक की बातें करते हैं, लेकिन जब भ्रष्टाचार के मामले भाजपा से जुड़े हो तो प्रधानमंत्री मौन हो जाते हैं। अपने मित्र अडानी के घोटालों पर उनकी चुप्पी टूटने का इंतजार सारा देश कर रहा है। भाजपा की छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार थी। इन 15 सालों में भ्रष्टाचार के अनेक नए रिकॉर्ड बने। रमन राज में 1 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। रमन के घोटालों की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने ईडी को और आपको पत्र भी लिखा है। रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की शिकायत भी पीएमओ में हुई है।
वैसे तो रमन और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के घोटाले की लंबी सूची है लेकिन हम प्रधानमंत्री जी से 6 घोटालो की जांच की मांग करते है। जिसमें सीधे मनी लॉड्रिंग हुई है और जो ईडी के जांच के दायरे में आता है। क्या प्रधानमंत्री रमन सिंह के इन भ्रष्टाचारों की जांच के लिये केंद्रीय एजेंसियों को भेजने का साहस दिखायेंगे?
36,000 करोड़ के नान घोटाले की जांच क्यों नहीं करवाते?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री आप भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की बातें करते हैं, आपके दल की सरकार ने गरीबों के राशन में डाका डाला 36000 करोड़ का राशन घोटाला कर दिया। इसकी जांच के लिये भी मुख्यमंत्री ने ईडी और आपको भी पत्र लिखा है। आप रमन सिंह के नान घोटाले की ईडी से जांच क्यों नहीं करवाते? रमन के मुख्यमंत्री रहते 36000 करोड़ का नान घोटाला हुआ था। नान घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके परिजनों के संलिप्त होने के प्रमाण नान डायरी में आये। जिसमें सीएम मैडम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम, सीएम सर सहित दर्जनों ऐसी प्रविष्टियां मिली थी। जिसका इशारा सीधे तत्कालीन सत्ता के केन्द्र की ओर जाता था। रमन सिंह बताते क्यों नहीं कि नान डायरी वाली सीएम मैडम कौन है? जिनके नाम से करोड़ों रुपए की इंन्ट्री नान डायरी में है। इसके गुनाहगारों के नाम सामने आने ही चाहिये। भाजपा और रमन सिंह नान घोटाले की जांच रोकना चाहते हैं इसीलिये तो कांग्रेस सरकार बनने के बाद जब नान घोटाले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया, तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक हाईकोर्ट में पीआईएल लगाकर स्टे लेकर आ गये।
चिटफंड घोटाला
रमन राज में राज्य की जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों को लूटने का खेल सरकारी संरक्षण में हुआ प्रदेश की जनता के 6000 करोड़ से अधिक की रकम चिटफंड कंपनियों ने डकार लिया था। इन चिटफंड कंपनियों को तत्कालीन भाजपा सरकार और सरकार में बैठे हुये लोगों की संरक्षण था। खुद मुख्यमंत्री, डॉ. रमन सिंह; उनके सांसद पुत्र, अभिषेक सिंह; उनकी पत्नी, श्रीमती वीणा सिंह; भाजपाई मंत्री, सांसद व प्रदेश के आला अधिकारी ‘रोजगार मेलों’ के माध्यम से इन चिटफंड कंपनियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीधे तौर से शामिल हुए। सरकार द्वारा बाकायदा इन कार्यक्रमों के निमंत्रण दिए गए। भोली भाली जनता को लगा कि भाजपाई सरकार इन चिटफंड कंपनियों की साझेदार है और जीवन की सारी कमाई इन घोटालों और गड़बड़झालों में लुटा दी। 6000 करोड़ रू. के इस घोटाले की ईडी से जांच के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और ईडी के डायरेक्टर को जांच के लिये पत्र लिखा था।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
- इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक के गुनाहगार भाजपा नेताओं पर भाजपा कब कार्यवाही करेगी?
- केंद्र सरकार रमन सरकार के घोटाले की जांच क्यों नहीं करवाती है? जांच से परहेज क्यों?
- प्रधानमंत्री आपकी ईडी, सीबीआई, आईटी छत्तीसगढ़ के इस महाघोटाले की जांच करेगी?
- पनामा पेपर वाले अभिषाक सिंह की जांच क्यों नहीं करवाती केंद्र सरकार?
- छत्तीसगढ़ में 15 साल में गौमाता के नाम पर भाजपा नेताओं ने 1677 करोड़ का घपला किया प्रधानमंत्री इस पर कुछ तो करें।
- गरीबों के रकम में घोटाले के इन आरोपी भाजपा नेताओं को भाजपा क्यों संरक्षण दे रही है? प्रधानमंत्री जी जवाब दें?
कांग्रेस ने सौंपी 34 घोटालों की लिस्ट
1 36000 करोड़ का नान घोटाला।
2 पनामा पेपर घोटाला।
3 मोवा धान घोटाला।
4 कुनकुरी चावल घोटाला।
5 आंखफोड़वा कांड।
6 गर्भाशय कांड।
7 नसबंदी कांड।
8 डीकेएस घोटाला।
9 शिवरतन शर्मा के भतीजे द्वारा किया गया धान परिवहन घोटाला।
10 अवैध पेड़ कटाई।
11 पोरा बाई कांड।
12 तत्कालीन शिक्षामंत्री केदार कश्यप की पत्नी की जगह कोई और महिला बैठी परीक्षा देने।
13 फर्नीचर घोटाला।
14 विज्ञान उपकरण खरीदी में घोटाला।
15 4400 करोड़ का आबकारी घोटाला।
16 1667 करोड़ गौशाला के नाम पर चारा, दवाई एवं निर्माण में किया घोटाला।
17 बीज निगम में दवाइयां, बीज एवं कृषि यंत्रों की खरीदी में किया गया घोटाला।
18 स्टेट वेयर हाउस के गोदामों के निर्माण में घोटाला।
19 स्वास्थ्य विभाग में मल्टी विटामिन सिरप में घोटाला।
20 जमीन घोटाला।
21 झलकी घोटाला (बृजमोहन अग्रवाल)।
22 परिवहन चेक पोस्ट पर घोटाला।
23 मोबाईल खरीदी में घोटाला।
24 बारदाना घोटाला।
25 भदौरा जमीन घोटाला (अमर अग्रवाल)।
26 पुष्प स्टील घोटाला।
27 चौबे कॉलोनी जमीन घोटाला।
28 इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला।
29 स्काई वॉक घोटाला।
30 एक्सप्रेस-वे घोटाला।
31 बिलासपुर सकरी बायपास घोटाला।
32 तेंदुपत्ता खरीदी घोटाला (300 करोड़)।
33 चिटफंड घोटाला 6000 करोड़ का।
34 रतनजोत घोटाला।