बिलासपुर। हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के अंतिम परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। सेवा भर्ती नियम 2019 के विपरीत शिक्षक भर्ती विज्ञापन में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने और विषयवार विज्ञापन जारी नहीं करने पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन से जवाब तलब करते हुए भर्ती प्रक्रिया फाइनल करने पर आगामी आदेश तक अंतरिम रोक लगा दी है।
याचिकाकर्ता वेद प्रकाश एवं अन्य ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से एक याचिका प्रस्तुत कर बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षक के टी संवर्ग के 4659 पद पर एवं ई संवर्ग के 1113 पदों की भर्ती हेतु दिनांक 4 मई को विज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें शिक्षक पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का प्रावधान किया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक तथा प्रशासनिक) संवर्ग भर्ती नियम 2019 में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा उक्त पदोन्नति तथा भर्ती नियम 2019 की अनुसूची 2 के कलम 33 के अनुसार शिक्षक के पद पर विषयवार सीधी भर्ती तथा पदोन्नति किया जाना है। किंतु जो विज्ञापन जारी किया गया वह केवल शिक्षक के लिए जारी किया गया था। एवं इसमें किसी प्रकार के विषय का वर्गीकरण नहीं किया गया। जबकि सभी विषय अंग्रेजी, गणित, संस्कृत आदि विषयों के लिए अलग-अलग पद जारी किया जाना था।
इस प्रकार विज्ञापन में यह दर्शित ही नहीं है कि कौन सा विषय का कितना पद है और अभ्यर्थी को यह भी जानकारी नहीं होगी कि उसके विषय के पद का विज्ञापन रिक्त है या नहीं। इस प्रकार पदोन्नति एवं सेवा भर्ती नियम के विपरीत विज्ञापन जारी किया गया है। सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच में हुई। जिसमें शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है एवं प्रकरण के निराकरण तक भर्ती प्रक्रिया को फाइनल करने पर रोक लगा दी है। ज्ञातव्य हैं कि इस माह 10 जून को ही उक्त भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी, जिसका रिजल्ट आना अभी शेष है।