अध्यादेश के खिलाफ सीएम केजरीवाल के रवैये से गठबंधन से पहले विपक्षी एकता पर पड़ने लगी दरार


नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल कर केंद्र में गैर भाजपाई सरकार बनाने की जुगत में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के नेतृत्व में विपक्षी एकता के लिए पटना में 18 पार्टियों के बड़े दिग्गज जुटे थे।इसी बहाने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में अधिकारियों के पदोन्नति और ट्रांस्फर को लकर केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले अध्यादेश के खिलाफ सभी विपक्षी पार्टियों से समथर्न मांग रहे हैं।


अरविंद केजरीवाल के रवैये को लेकर लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी नाराज दिख रही है। विपक्षी एकता की गांठें धीरे-धीरे ढीली पड़ने लगी हैं। पटना में शुक्रवार को हुई विपक्षी दलों की बैठक से दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के निकलने को लेकर RJD उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान दिया है।वहीं, विपक्ष की इस बैठक पर बीजेपी भी लगातार चुटकी ले रही है। इतना ही नहीं राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह ने तो विपक्ष की तुलना चूहों से कर दी है। हरनाथ सिंह ने कहा कि 100 चूहे मिलकर एक शेर को पराजित नहीं कर सकते. कर्नाटक की जीत तो छोटी मोटी जीत है।

विपक्षी एकता में दरार!
गठबंधन से पहले विपक्षी एकता में दरार पड़ती दिखाई दे रही है। आरजेडी (RJD) के शिवानंद तिवारी ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए उन्हें तानाशाह और लोकतंत्र के खिलाफ बताया है। हालांकि, तेजस्वी यादव डैमेज कंट्रोल करते दिखाई दिए. तेजस्वी ने कहा कि विपक्षी दलों के बीच सब ठीक है। विपक्षी एकता की बैठक को लेकर अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने का कि कांग्रेस ही भ्रष्टाचार की जननी है. बाकी सब बेल पर हैं।

विपक्ष की बैठक पर बीजेपी का वार
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी एकता पर चुटकी लेते हुए कहा कि जुगनुओं ने शराब पी ली है और अब सूरज को भी यह गाली देंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष बेबुनियाद आरोप लगाता है. वो कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है. विपक्ष जनता की आंखों में धूल झोंक रहा है. राजनाथ सिंह चंडीगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

राजनाथ सिंह ने ऐसे ली चुटकी
राजनाथ सिंह ने कहा कि जब देश में इमरजेंसी लगाई तब लोकतंत्र का गला घोंटा गया था. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र सुरक्षित है. उन्होंने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कहते वे लोग लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगा रहे हैं, जिन्होंने देश में आपातकाल लगाया. अगर देश में लोकतंत्र खतरे में होता तो वे हिमाचल प्रदेश में कैसे जीत गए, कर्नाटक में कैसे जीते?

नीतीश कुमार पर फंसा पेंच
वहीं, विपक्षी दलों की एकता के प्रयास को लेकर उन पर नए सिरे से हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन्हें देश को बताना चाहिए कि उनका नेता कौन होगा और यह ‘ठगबंधन’ ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगा। भले वे एक मंच पर आए हों, लेकिन उनके दिल नहीं मिल पाए. उन्होंने दावा किया कि बैठक की मेजबानी करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इन दलों ने संयोजक के तौर पर स्वीकार नहीं किया है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *