रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने राज्य की कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी पर प्रहार करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की लगभग 11 हजार पंचायतों के पंचायत सचिव नियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।
कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में 10 दिन में इन्हें नियमित करने का वादा किया गया था। आज 15 सौ से अधिक दिन हो गए। कांग्रेस सरकार ने वादा पूरा नहीं किया और सरकार से अपना हक
मांग रहे इन आंदोलित पंचायत सचिवों से बात करने को तैयार नहीं है। सरकार की वादाखिलाफी के विरुद्ध संघर्ष में भाजपा पंचायत सचिवों के साथ है।
प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रदेश के सभी 146 विकासखंडों में पंचायत सचिव साथी आपकी वादाखिलाफी के विरोध में अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर 17 दिनों से बैठे हैं।चूँकि पंचायत सचिव साथी गांव के आम ग्रामीणों और सरकार के बीच के सबसे महत्त्वपूर्ण कड़ी होते हैं,इसलिये आज आपकी वादा खिलाफी के कारण आज हरेक गांव के ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं के काम ठप्प पड़े हुये हैं।
आपने चुनाव से पहले कई मंचों पर वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 10 दिनों के भीतर नियमितीकरण कर दिया जाएगा। आज साढ़े चार साल में भी इनके नियमितीकरण की कोई मंशा नहीं दिख रही। पंचायत से जुड़े कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी का दुष्प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों की जनता पर पड़ रहा है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने स्मरण कराते हुए कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश में पंचायत कर्मी व्यवस्था की शुरुआत 1995 में दिग्विजय सिंह सरकार ने शर्मनाक तरीके से की थी। इन्हें 500 रुपये मासिक वेतन तय किया था। जिसे भाजपा की सरकार ने 40 हजार से ज्यादा तक बढ़ाया।
लेकिन कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने इन साढ़े चार सालों में कुछ भी नहीं किया है। जन घोषणा पत्र के वादे सब्जबाग साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री तत्काल अपना वादा पूरा करें अन्यथा अपनी विफलता स्वीकार करें।