कांग्रेस की “संविधान बचाव यात्रा” को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान, 19 मई को जांजगीर-चांपा से होगी शुरुआत


 रायपुर :- कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद पूरे देश में “संविधान बचाव यात्रा” को लेकर कांग्रेस लगातार तैयारियों में जुटी हुई है। पार्टी का कहना है कि सत्ता पक्ष द्वारा संविधान में नए-नए नियम और कानून जोड़कर उसकी मूल भावना को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के विरोध में कांग्रेस देशभर में “संविधान बचाव रैली” निकालने जा रही है।













बात करें छत्तीसगढ़ की, तो 19 मई को कांग्रेस जांजगीर-चांपा में रैली करने जा रही है। इसी क्रम में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए। जहां रेली को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा पीसीसी चीफ लेगे। हालांकि, एक बार फिर इस यात्रा को लेकर प्रदेश में सियासत गरमा गई है। गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के चलते यह यात्रा पहले मई माह की शुरुआत में निकलने वाली थी, लेकिन इसे लगातार स्थगित किया जाता रहा। इससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई। सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के भीतर नेताओं में आपसी सहमति की कमी है। अब नई तारीख और नए स्थान से यह रैली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में निकलने जा रही है, जिसके चलते एक बार फिर संविधान और इस रैली पर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

यात्रा को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि “केंद्र की मोदी सरकार लगातार संविधान की मूल अवधारणा को खत्म करने की कोशिश कर रही है। आए दिन नए संशोधन लाकर जनता के अधिकारों को सीमित किया जा रहा है। यह सरकार अपने हितों के अनुसार कानूनों में बदलाव कर रही है, जो बेहद चिंताजनक है।

वहीं, कांग्रेस की रैली को लेकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अगर ट्रिपल तलाक खत्म करना, एनआरसी लागू करना और समय-समय पर संशोधन बिल लाकर जनता को उनके अधिकार देना संविधान के खिलाफ है, तो कांग्रेस जरूर यात्रा निकाल सकती है। लेकिन सच्चाई ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और संविधान दोनों मजबूत हुए हैं।”

एक ओर जहां कांग्रेस, न्याय यात्रा के बाद अब संविधान बचाव यात्रा निकालने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस यात्रा को लेकर सियासी बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस की यह यात्रा क्या वास्तव में कोई बड़ा असर डाल पाएगी और केंद्र सरकार पर कितना दबाव बना पाएगी


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