पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने संग्राहक महिलाओं से बात कर कहा – निर्ममता की पराकाष्ठा पार की कांग्रेस सरकार ने
रायपुर।भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की दुर्दशा के लिए प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधा है। श्री गागड़ा ने बिना चप्पल तपती धूप में पत्ता बेचने जा रहीं महिलाओं से ग्राम रामपुर के पास चर्चा करने के बाद कहा कि भाजपा द्वारा तेंदूपत्ता खरीदी जारी रखने की लगातार मांग करने के बावजूद प्रदेश सरकार ने तेंदूपत्ता खरीदी बंद कर दी है और तेंदूपत्ता संग्राहक महाराष्ट्र ले जाकर पत्ता बेचने के लिए विवश हो रहे हैं।
पूर्व वन मंत्री श्री गागड़ा ने बस्तर संभाग में बीजापुर जिले के ग्राम देपला की उन महिलाओं से चर्चा की जो प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा तेंदूपत्ता खरीदी नहीं किए जाने के कारण बिना चप्पल-जूते के तपती धूप में तेंदूपत्ता बेचने महाराष्ट्र की ओर जा रही थीं। श्री गागड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार की कुनीतियों ने प्रदेश के लोगों, गरीबों और आदिवासियों के प्रति जिस निर्ममता का दृश्य उपस्थित किया है, उसकी कोई और मिसाल शायद ही देखने को मिले। प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासियों और गरीबों के नाम पर सियासत करके शेखियां तो खूब बघारती है, लेकिन आदिवासी अंचल में तेंदूपत्ता संग्राहकों के प्रति उसने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक और बोनस भुगतान का मसला हो, चरण पादुका वितरण रोककर उस मद की राशि डकार जाने और उन परिवारों के बच्चों को छात्रवृत्ति देने में हीलाहवाला करने के मामले हों, यह स्पष्ट हो चला है कि प्रदेश सरकार में न गरीबों के प्रति और न ही आदिवासियों के प्रति कोई संवेदना रह गई है। आदिवासियों के प्रति दुर्भावना के मामले में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को शर्मसार करके रख दिया है।