रायपुर। छत्तीसगढ़ कोल घोटाला मामले में जेल में बंद राज्य सेवा की निलंबित अफसर सौम्या चौरसिया को आय से अधिक संपत्ति मामले में जमानत मिल गयी है। जमानत के बाद भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई है। सौम्या चौरसिया जमानत के बाद भी अभी जेल में ही रहेगी, उनके खिलाफ एक और मामले एसीबी में दर्ज हैं, जिसमें उन्हें जमानत नहीं मिली है। हालांकि उसकी भी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर है। हालांकि उसमें अभी राहत नहीं मिली है। इससे पहले आज एसीबी की स्पेशल कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को जमानत दे दी। सौम्या चौरसिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी-ईओडब्ल्यू चार्जशीट नहीं दायर कर सकी, जिसका फायदा सौम्या चौरसिया को मिला।
एसीबी की ओर से श्लोक श्रीवास्तव व मिथिलेश वर्मा ने बहस की, जबकि सौम्या चौरसिया की तरफ से फैजल रिजवी ने पक्ष रखा। फैजल रिजवी ने जमानत याचिका में इस बात को आधार बनाया था कि 60 दिन का वक्त गुजर जाने के बाद भी उनके पक्षकार के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं किया गया है, इसलिए उन्हें जमानत दी जाये।
हलांकि एसीबी की तरफ से कहा गया कि चार्जशीट दायर करने की मियाद 90 दिन की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रकरणों का हवाला देते हुए सौम्या चौरसिया के वकील ने बताया कि चार्जशीट दाखिल करने की अवधि 60 दिन ही है। जिसके बाद कोर्ट ने 50-50 हजार के दो मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी।