रायपुर। रायपुर साइबर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो शातिर साइबर ठगों पवन कुमार और गगनदीप को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली से आकर रायपुर में रह रहे थे। आरोपियों ने अपने आधार कार्ड में एड्रेस बदलवाकर रायपुर में दो फर्जी कंपनियां स्थापित की थीं।
इन कंपनियों के जरिए आरोपियों ने विभिन्न बैंकों में करीब 30 प्लेटिनियम अकाउंट खोले थे। पुलिस ने इनके कब्जे से 12083998 अमेरिकी डॉलर (102.4 करोड़ रुपये) की इनवॉयस जब्त की है, साथ ही 175 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन का पता चलने के बाद 2 करोड़ से अधिक की रकम भी साइबर पुलिस ने होल्ड कर दी है।
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
यह मामला तब सामने आया जब पीड़ित डॉक्टर प्रकाश गुप्ता ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 11 लाख रुपये की ठगी की शिकायत थाना आमानाका में दर्ज कराई थी। पुलिस ने रिपोर्ट पर 433/24 धारा 420, 34 के तहत जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि आरोपी पवन और गगनदीप, जो दिल्ली के निवासी हैं, रायपुर में आकर अपने आधार कार्ड पर पता बदलवाकर दो फर्जी कंपनियां – फ्रिज टैक सोल और जीपी इंटरप्राइजेस – बना चुके थे। इन कंपनियों के जरिए उन्होंने विभिन्न बैंकों में प्लेटिनियम अकाउंट खोले थे।
आरोपियों का यह नेटवर्क ठगी से प्राप्त पैसे को अमेरिकी डॉलर में बदलकर हॉन्गकॉन्ग और थाईलैंड स्थित कंपनियों को भेजने का था। जिन कंपनियों को पैसे भेजे जाते थे, वे डिजिटल अपराध और शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड के लिए संदिग्ध पाई गईं। इन कंपनियों में शामिल हैं – हाइपरलिंक इंफोसिस्टम लिमिटेड, ब्लू ऑर्किड ग्लोबल, कंसाई इंटरनेशनल लिमिटेड, एम एस मॉर्निंग (हॉन्गकॉन्ग) और NRI सिस्टम टेक्नो, परसौल प्रोसेस एंड टेक्नोलॉजी, ग्लोबल विजार्ड टेक्नोलॉजी, डाटा आर्ट टेक्नोलॉजी (थाईलैंड)।
पूछताछ में आरोपियों ने लुधियाना और दिल्ली स्थित अन्य कंपनियों के बारे में भी जानकारी दी है, जिन पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने आरोपियों से 41 बैंक अकाउंट्स, डेबिट कार्ड्स, चेक बुक्स, कंप्यूटर, लैपटॉप, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, डॉलर परचेज इनवॉयस, वन टाइम पासकोड डिवाइस और UPI स्कैनर सहित विभिन्न दस्तावेज जब्त किए हैं। इन आरोपियों के खिलाफ वेस्ट बंगाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटका, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में भी रिपोर्ट दर्ज की गई है।