ऑनलाइन मंगाया चाकू, अनगिनत वार और कत्ल… लाश के पास बैठकर दो दिनों तक सिगरेट पीता रहा कातिल


Maya Gogoi Deka Murder Case: बेंगलुरु के एक होटल में अपनी दोस्त का बेरहमी से कत्ल करने वाला 21 साल का आरव हनोय गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन अभी तक पुलिस के पास इस बात का जवाब नहीं है कि उसने माया का मर्डर क्यों किया? कत्ल करने का मोटिव क्या था? और सबसे बड़ा सवाल ये कि वो माया की हत्या करने के बाद दो दिनों तक उसी कमरे में लाश के साथ क्यों रहा? कातिल से पूछताछ के बाद भी पुलिस इस वारदात का पूरा सच नहीं जान पा रही है. जानते हैं क्यों? क्योंकि आरोपी आरव का कहना है कि इस कत्ल की वजह काफी पर्सनल है. इस कहानी ने पुलिस को भी हैरान कर दिया है.


दो दिनों तक लाश के साथ रहा कातिल
माया गोगोई डेका का कातिल आरव हनोय पुलिस की हिरासत में है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. सवाल जवाब किए जा रहे हैं. लेकिन जब पुलिस ने उससे माया के कत्ल की वजह पूछी तो उसने यही कहकर वजह बताने से इनकार कर दिया कि ये उसका पर्सनल मैटर है. इस मामले में सबसे हैरान करने वाला पहलू ये है कि आरव अपनी दोस्त को मौत के घाट उतारने के बाद दो दिन तक मौका-ए-वारदात यानी उस कमरे से भागा नहीं, बल्कि पूरे दो दिनों तक उसी कमरे में लाश के साथ रहा. वो उसी कमरे में जमीन पर पड़ी लाश के बगल में बैठकर लगातार सिगरेट पीता रहा. पुलिस भी हैरान है कि आखिर वो दो दिन तक लाश के साथ अकेला उस कमरे में क्या रहा था?

होटल के कमरे में मिली थी माया की लाश
इस खौफनाक कहानी का आगाज 26 नवंबर से होता है. बेंगलुरु के इंदिरानगर में मौजूद थ्री स्टार सर्विस अपार्टमेंट होटल रॉयल लिविंग के एक कमरे में एक लड़की की लाश बरामद होती है. ये लाश असम की रहने वाली 19 साल की माया गोगोई डेका की थी. लाश दो दिन से होटल के कमरे में पड़ी थी, इसलिए लाश खराब होने लगी थी. बेड पर पड़े कंबल पर खून के धब्बे थे. फर्श पर भी खून के निशान नजर आ रहे थे. वहीं बेड पर एक मोबाइल भी पड़ा था जो माया का था. मोबाइल 24 नवंबर को स्विच ऑफ हो गया था. इसी से पुलिस ने अंदाजा लगाया है कि माया का कत्ल 24 नवंबर को ही हुआ था.

सीसीटीवी फुटेज में नजर आए थे आरव-माया
अगले दो दिनों तक यानी 26 नवंबर तक उसकी लाश होटल के कमरे में पड़ी रही. बेड के करीब फर्श पर नाइलोन की एक रस्सी भी पड़ी थी. इस रस्सी का ऑर्ड़र ऑनलाइन दिया गया था. इसी रॉयल लिविंग होटल के रिसेप्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरे से मिली तस्वीरों से भी कई खुलासे होते हैं. इसमें दिखाई देता है कि 23 नवंबर दोपहर 12 बज कर 31 मिनट पर दो लोग आते हैं. इनमें एक लड़की है और दूसरा लड़का. लड़के ने सर पर व्हाइट कैप पहनी हुई है. लड़की के हंसने के अंदाज से साफ है कि दोनों य़हां खुशी-खुशी और अपनी मर्जी से आए हैं. लड़का डिजिटल पेमेंट करता है, जबकि लड़की सोफे पर बैठ जाती है.

तीन साल पहले बेंगलुरु आई थी माया
कुछ देर बाद दोनों रिसेप्शन से उठ कर कमरे की तरफ बढ़ जाते हैं. ये लड़की कोई और नहीं बल्कि माया गोगोई डेका है, जिसकी लाश मिलती है. अब सवाल ये है कि डेका की लाश तो कमरे से बरामद हो गई. लेकिन वो लड़का कौन था और कहां गया जिसने डेका के साथ इस होटल में चेकइन किया था. तो आइए अप पूरी कहानी सिलसिलेवार जानते हैं. माया तीन साल पहले असम से बेंगलुरु आई थी. वो सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने के साथ-साथ एक एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म में जॉब करती थी. डेका बेंगलुरु में अपने बहन और एक कजन के साथ किराए के एक अपार्टमेंट में रहती थी.

23 नवंबर को होटल पहुंचे थे आरव और माया
करीब छह महीने पहले सोशल मीडिया के जरिए ही डेका की मुलाकात केरल के कुन्नूर के रहने 21 साल के आरव हनोय से हुई. दोनों में पहले दोस्ती हुई और फिर प्यार. बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन करने के बाद इसी साल आरव कुन्नूर से बेंगलुरु आ गया. आरव ने भी एक कंपनी में स्टूडेंट काउंसलर के तौर पर का करना शुरू कर दिया. अब डेका और आरव की अकसर मुलाकात होती थी. 23 नवंबर को आरव और डेका दोपहर को इसी होटल रॉयल लिविंग में पहुंचे. दोनों के पास एक-एक बैग था. दोपहर को चेकइन करने के बाद दोनों अपने कमरे में चले गए. उन्होंने रूम एक दिन के लिए बुक कराया था.

अकेला होटल से निकल गया था आरव
अगली सुबह यानी 24 नवंबर को जब रिसेप्शन से रूम में फोन कर पूछा गया कि कितने बजे चेकआउट करेंगे? तब आरव ने कहा कि वो एक दिन और स्टे करेंगे. इसके बाद 25 नवंबर की सुबह रिसेप्शन से फिर से रूम में फोन आया कि वो कितने बजे चेक आउट करेंगे. तब आरव ने कहा कि अब वो 26 नवंबर की दोपहर को चेक आउट करेगे. इस तरह एक दिन का स्टे और बढा दिया. अब 26 नवंबर की तारीख आ चुकी थी. आज ही के दिन दोनों को होटल से चेक आउट करना था. लेकिन 26 नवंबर की सुबह आट बज कर 19 मिनट पर आरव अकेले ही होटल से बाहर निकल गया. उसके पास उसका बैग भी नहीं था.

होटल के कर्मचारी ने देखी थी लाश
इस बार आरव होटल से बाहर गया तो फिर नहीं लौटा. 26 नवंबर की दोपहर का वक्त हो चुका था. रिसेप्शन पर बैठे शख्स को पता था कि आज उनको चेकआउट करना है. उसने रूम में लैडलैइन पर फोन किया. घंटी बजती रही पर फोन किसी ने नहीं उठाया. तब आरव के मोबाइल पर फोन किया गया. लेकिन मोबाइल बंद था. इसके बाद होटल का एक स्टाफ कमरे में गया. दरवाजा अनलॉक था. जैसे ही वो दरवाजे को धक्का देता है अंदर से तेज बदबू आती है. वो अंदर झांक कर देखा है तो बेड पर लड़की की लाश और हर तरफ खून नजर आता है. वो भाग कर होटल के बाकी स्टाफ को इसकी जानकारी देता है. पुलिस को खबर दी जाती है.

जिस्म और सिर पर चाकू से वार 
पुलिस जब अंदर दाखिल होती है तो डेका की लाश बेड पर ही पड़ी मिलती है. लाश कंबल से ढका हुआ था. लाश की हालत देख कर ऐसा लग रहा था जैसे डेका की मौत कम से कम दो दिन पहले हुई थी. बेड पर पड़ा मोबाइल भी चार्ज ना हो पाने की वजह से 24 नवंबर से बंद दिखा रहा था. दरअसल मोाबाइल फर आखिरी मैसेज और कॉल 24 नवंबर का ही था. उसके बाद कोई कॉल या मैसेज नहीं. कमरे में नाइलोन की अएक रस्सी के साथ एक पैकेट भी मिला. उस पैकेट से पता चला कि इस रस्सी का ऑर्डर इसी होटल के पते पर ऑनलाइन दिया गया था. माया के जिस्म और सिर पर चाकू से कम से कम दस वार किए गए थे.

मोबाइल CDR से खुला राज
अब चूंकि कमरे में माया और आरव ही थे. लिहाजा पुलिस ने आरव की तलाश शुरू कर दी. होटल के सीसीटीवी कमरे से पता चला कि आरव 26 नवंबर की सुबह आठ बज कर 19 मिनट पर होटल से निकला वो भी बिना बैग के. इसके बाद जब उसके मोबाइल के कॉल डिटेल रिकार्ड को खंगाला गया तो पता चला कि होटल से निकलने के बाद उसने अपने मोबाइल एप से एक कैब बुक किय़ा. कैब रेलवे स्टेशन के लिए बुक किया गय़ा था. मगर उसके फौरन बाद आरव ने अपना फोन बंद कर दिया. तब से उसका फोन बंद था. अब तक की तफ्तीश के बाद पुलिस का मानना था कि आरव पूरी प्लानिंग के साथ होटल आया था.

इस पहलू की खास जांच कर रही है पुलिस
रस्सी का मंगाना, चाकू साथ लाना, यही इशारा कर रहे थे. इतना ही नहीं जब वो होटल में चेक इन कर रहा था तब भी उसने कैप की मदद से अपने चेहरे को छुपाने की कोशिश की थी. जब वो 26 नवंबर को होटल से आखिरी बार निकला तब भी उसने कैप से चेहरा छुपा रखा थ. पुलिस इस बात से हैरान थी कि डेका का कत्ल करने के दो दिन बाद तक आरव लाश के साथ उसी कमरे में क्यों रुका रहा. वो चाहता तो पहले भी भाग सकता था. यहां तक कि दो दिनों में लाश से बदबू भी आने लगी थी. लेकिन वो फिर उसी कमरे में था. पुलिस इस पहलू से भी मामले की जांच कर रह थी कि कहीं आरव डेका की लाश के टुकड़े कर किश्तों में उसे ठिकाने लगाने की प्लानिंग तो नहीं कर रहा था. जब उसे लगा कि ऐसा संभव नहीं है, तब वो डर के मारे वहां से भाग गया होगा.

आरव को पकड़ने के लिए बनाई गईं थी तीन टीम
बेंगलुरु पुलिस के पास आरव का मोबाइल नंबर था, उसके फोन के ऑन होने का इंतजार किया जाने लगा. इसी मोबाइल के सहारे पुलिस को आरव के मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी, क्योंकि बीच-बीच में वो अपने मोबाइल को ऑन कर रहा था. पुलिस के मुताबिक आरव को पकड़ने के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गई. इन तीनों ही टीमों को सिर्फ एक काम सौंपा गया. वो था आरव को पकड़ना. 26 नवंबर से बेंगलुरु पुलिस लगातार आरव की तलाश में जुटी रही. आखिरकार 2 दिन बाद पुलिस को पहली कामयाबी मिली. दरअसल भागने के बाद आरव ने अपने मोबाइल से ऐप के जरिए एक कैब बुक किया था. ये कैब रेलवे स्टेशन के लिए बुक किया गया था. कैब ड्राइवर से भी पूछातछ के बाद यही जानकारी सामने आई कि आरव बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर कैब से उतर गया था.

कर्नाटक के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तारी
आगे टेक्निकल एविडेंस के जरिए पता चला कि आरव बेंगलुरु से पहले रायचुर गया और फिर वहां से एमपी और यूपी के अलग-अलग हिस्सों से होता हुआ वाराणसी पहुंचा. उसको पता था कि कत्ल के बाद पुलिस उसे कर्नाटक और उसके घर केरल में ढूंढेगी. लिहाजा पुलिस को चकमा देने के लिए वो वहां जाने की बजाए उत्तर भारत की तरफ निकल पड़ा. अगले तीन दिनों तक पुलिस को चकमा देने के लिए लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर का सफर तय कर चुका था. लेकिन उसके पास पैसे कम थे, इसलिए वाराणसी पहुंचने के बाद उसने तय किया वो वापस कर्नाटक जाएगा. वाराणसी से उसने कर्नाटक के लिए फिर एक ट्रेन पकड़ी. शुक्रवार को वो कर्नाटक में देवनाहल्ली पहुंचा. वहां केमपगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

ऑनलाइन ऑर्डर देकर मंगाया था चाकू और रस्सी
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की तो आरव ने फौरन अपना जुर्म कबूल कर लिया. पुलिस के मुताबिक शुरू में ऐसा लगा था जैसे वो चाकू लेकर ही होटल पहुंचा था, लेकिन उसने बताया कि होटल पहुंचने के बाद जब डेका से उसका झगड़ा हुआ तब 24 नवंबर को उसने जेप्टो ऐप से एक चाकू और नायलन की एक रस्सी का ऑर्डर दिया. ये पार्सल होटल के रिसेप्शन पर उसने खुद रिसीव किया था. जिस दिन चाकू और नायलॉन की रस्सी आरव को मिली उसी दिन यानि 24 नवंबर को ही उसने उसी चाकू से डेका का कत्ल कर दिया. आरव ने डेका शरीर पर चाकू से अनगिनत वार किए थे.

डेटिंग ऐप के जरिए मिले थे माया और आरव 
पुलिस के मुताबिक केरल के रहने वाले आरव के दादा आर्मी मे थे. उन्होंने ही उसकी परवरिश की थी. वो जब छोटा था तभी उसके मां-बाप का तलाक हो गया था. तलाक के बाद आरव मां के साथ रहता था. इस दौरान मां ने दूसरी शादी कर ली, लेकिन वो भी ज्यादा दिन तक नहीं चली. फिर से तलाक हो गया. इसके बाद मां ने तीसरी शादी की. तभी से आरव अपने दादा के साथ रहता था. केरल में आरव बीबीए कर रहा था. इसी दौरान डेटिंग ऐप बंबल पर उसकी मुलाकात असम की माया गोगोई डेका से हुई. दोनों में दोस्ती हो गई. डेका की वजह से ही वो केरल से बेंगलुरु आ गया. माया ने ही एक कंपनी में आरव की इंटर्नशिप लगा दी. वहां उसे 15 हजार रुपए महीने मिलते थे. इसी बीच आरव ने माया से लिव-इन में साथ रहने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया.

क्या था कत्ल का मोटिव?
माया का फ्रेंड सर्कल काफी बड़ा था. जबकि आरव शहर में अकेला. डेका को उसके दोस्तों के साथ देखकर कई बार उसे शक होता था. इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा भी होता था. बड़ा सवाल ये कि आखिर आरव ने डेका की हत्या क्यों की थी? पुलिस की मानें तो फिलहाल की पूछताछ में आरव ने जो खुलासा किया है उसके हिसाब से उसे माया को लकर कुछ शक था. इसी शक की वजह से होटल में दोनों में झगड़ा हुआ और फिर उसने माया को मार डाला. फिलहाल आरव बेंगलुरु पुलिस के कब्जे में है और अब भी उससे ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वाकई कत्ल का मोटिव शक और जलन था या कुछ और?


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