महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर बनने के एक महीने बाद तनाव की परिस्थितियां बन गई हैं।आज मनाई जाने वाली रामनवमी( ramnavami) के अवसर पर शहर के कई इलाकों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। किराडपुरा बस्ती स्थित राम मंदिर में भी तैयारियां चल रही थीं। रात करीब 11.30 बजे युवकों का एक जत्था मंदिर की ओर जा रहा था। यहां पर दूसरे गुट के साथ उनका झगड़ा हुआ और कहासुनी बढ़ गई। दोनों गुटों में गाली-गलौज शुरू हो गई और जो नारेबाजी में बदल गई।थोड़ी देर बाद एक समूह ने मंदिर की ओर पथराव किया। कुछ लोग जान बचाने के लिए मंदिर में घुसे, उन पर भी हमला किया गया। लोगों ने पुलिस को बुलाया, लेकिन जब तक पुलिस आई, तब तक आगजनी शुरू हो चुकी थी। मंदिर के सामने खड़े पुलिस वाहन को दंगाइयों ने आग लगा दी।
भीड़ काबू से बाहर होते देख पुलिस ने दो-तीन बार हवा में फायरिंग की
स्थानीय लोगों के मुताबिक, भीड़ काबू से बाहर होते देख पुलिस ने दो-तीन बार हवा में फायरिंग की। पुलिस ने आजाद चौक से सिटी चौक तक सभी रास्तों को जाम कर दिया। लोगों ने बताया कि ज्यादातर नागरिकों के घरों पर पथराव किया गया। नागरिक वहां मौजूद लोगों से अपने घरों से बाहर निकलने की अपील कर रहे थे।
दंगाइयों को पकड़ने के लिए पुलिस 8 से 10 टीमें गठित करेगी
छत्रपति संभाजीनगर के पुलिस आयुक्त निखिल गुप्ता ने बताया कि रात में किराडपुरा में तनाव पैदा करने की कोशिश करने वाले दंगाइयों को पकड़ने के लिए पुलिस 8 से 10 टीमें गठित करेगी। रामनवमी के मद्देनजर किराडपुरा स्थित राम मंदिर में तैयारियों के लिए जुटे युवकों के एक समूह की दूसरे गुट से कहासुनी हो गई। उसके बाद उपद्रवी गुट ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। साथ ही पुलिस वाहनों पर भी पथराव किया गया। रात 11.30 बजे शुरू हुई हिंसा पर 3.30 बजे तक काबू पा लिया गया।