भिलाई : श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के इको क्लब (एपेक्स) के अंतर्गत एक मुहिम चलाई गई है हमारी आज की दौड़ भाग भरी दिनचर्या में हम शायद ध्यान नहीं दे पाते हैं कि हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत। कहीं ना कहीं ना चाहते हुए भी हमें प्लास्टिक का इस्तेमाल करना ही पड़ता है। पानी पीने से लेकर, पैकेट खाना आइटम और अन्य खाद्य सामग्री हर चीज में हम प्लास्टिक का चलन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।
महाविद्यालय इस ज्वलन समस्या को ध्यान में रखते हुए अपने ही परिसर में प्लास्टिक बोतल पर रोक लगाते हुए महाविद्यालय ने प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों का स्टील बोतल में पानी लाने की मुहिम छेड़ दी है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्चना झा ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए इको फ्रेंडली नहीं है प्लास्टिक के ज्यादा उपयोग से इसका पुनर्चक्रण करना असंभव है। स्टील की बोतलों के इंसुलेटिंग गुणों के कारण इसे हम ठंडा पानी में या गर्म पानी पीने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
महाविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ. जे दुर्गा प्रसाद राव ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्लास्टिक का कचरा जितना ज्यादा एकत्र होगा वातावरण उतना ही अधिक दूषित होगा क्योंकि प्लास्टिक को ना जलाया जा सकता है ना ही मिट्टी में दबाया जा सकता है साथ ही जल में भी प्रवाहित नहीं किया जा सकता है जिससे वातावरण में हानिकारक कार्सिनोजेंस उत्पन्न होते हैं जो शरीर में कई तरह के बीमारियों को उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार है।
इस कार्यक्रम का संचालन इको क्लब प्रभारी डॉ. सोनिया बजाज एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. लक्ष्मी वर्मा, श्रीमति मीता चुग, श्रीमती मौसमी तिवारी, कुमारी रचना तिवारी, कुमारी हर्षा सिंह बैस की महत्वपूर्ण भूमिका कार्यक्रम को सफल बनाने में रही।