नई दिल्ली। एक तरफ अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार में हैं और 2 जून को उन्हें सरेंडर करना होगा। वहीं अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। केजरीवाल ने शीर्ष कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल राहत के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख कर सकते हैं। सभी पक्षों को अतिरिक्त हलफनामों के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है। याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। काफी दिनों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया है।
ED ने दाखिल की चार्जशीट
ED ने दिल्ली शराब नीति घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। ED ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह जल्द ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोप पत्र दाखिल करेगा।
ED की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस.वी.राजू ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ से कहा, “एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल और AAP के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का प्रस्ताव दिया हैं। हम जल्द यह करेंगे। यह प्रक्रिया में है।”
21 मार्च को हुए थे गिरफ्तार
ED ने यह बयान केजरीवाल द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
राजू ने दावा किया कि जांच एजेंसी के पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी जिसका इस्तेमाल AAP ने गोवा विधानसभा चुनाव अभियान में किया था।राजू ने दावा किया कि केजरीवाल ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल कथित घोटाले के लिए परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री होने के बावजूद केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है।
सुनवाई की बड़ी बातें
- जांच एजेंसी की ओर से पेश एएसजी राजू ने शीर्ष अदालत को बताया कि आम आदमी पार्टी को शराब नीति घोटाले में आरोपी बनाया गया है और अभियोजन शिकायत आज दायर की जा रही है।
- जस्टिस खन्ना ने पूछा, “आप कैसे साबित करते हैं”, जिस पर एएसजी राजू ने जवाब दिया कि जांच एजेंसी को केजरीवाल और हवाला ऑपरेटर के बीच चैट मिलीं।
- ASG राजू ने कहा, ”हवाला के जरिए रिश्वत भेजी गई थी।”
- जस्टिस खन्ना ने फिर पूछा, “आपने विश्वास करने के लिए अपने कारण कहां दिए हैं,” जिस पर एएसजी राजू ने जवाब दिया, “गिरफ्तारी के आधार पर। हमने विश्वास करने का कोई कारण नहीं बताया है।”
- जस्टिस खन्ना ने फिर आगे पूछा, “आप विश्वास करने का कारण कैसे नहीं बताएंगे? वह उन कारणों को कैसे चुनौती देंगे?”