Rajgarh Borewell Accident: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में बोरवेल में गिरी पांच साल की बच्ची को देर रात सुरक्षित निकाल लिया गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर सकुशल रेस्क्यू ऑपरेशन किया।
राजगढ़ में बोरवेल में गिरी पांच साल की बच्ची को करीब 10 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद देर रात सुरक्षित निकाल लिया गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह मामला बोड़ा थाना क्षेत्र के पिपलिया रसोड़ा गांव का है। मंगलवार शाम बच्ची खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई थी। सूचना मिलने के बाद रेस्क्यू के लिए टीम मौके पर पहुंची। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बोरवेल में बच्ची के गिरने के मामले को संज्ञान लिया था। मुख्यमंत्री कार्यालय राजगढ़ जिला प्रशासन से निरंतर संपर्क में था।
बता दें कि इससे पहले भी राज्य में बच्चों के बोरवेल में गिरने के मामले सामने आए हैं। इस साल मध्यप्रदेश के विदिशा में जुलाई में ढाई साल की बच्ची अस्मिता अहिरवार बोरवेल में गिर गई थी। उसे बोरवेल से बाहर तो निकाल लिया, लेकिन उसकी मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, मासूम माही पिता रवि भिलाला निवासी पटाड़िया धाकड़ तहसील सारंगपुर अपने मामा के यह पिपलिया रसोड़ा गांव आई हुई थी और बच्चों के साथ खेल रही थी। खेलते-खेलते वह पुराने खुदे हुए बोरवेल के गड्डे में गिर गई, जिसकी गहराई 25 से 30 फीट बताई जा रही है। घटना की सूचना पर बचाव दल, राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित और राजगढ़ एसपी धर्मराज मीणा मौके पर पहुंचे और मासूम को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू किया जा रहा है।
बोड़ा थाने से मिली जानकारी के अनुसार, मासूम अपने नाना इंदर सिंह भील के खेत में खेल रही थी और वह पुराने बोरवेल के खुले हुए गड्डे में गिर गई, जिसकी गहराई 25 से 30 फीट है। मासूम को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए जेसीबी सहित अन्य उपकरण मौके पर मंगवाए गए हैं। मासूम के बोरवेल में गिरने की सूचना के पश्चात से ही राजगढ़ जिले में दुआओं का दौर जारी है और हर कोई मासूम के सुरक्षित बाहर निकलने की प्रार्थना कर रहा है।
शिवराज ने किया ट्वीट
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा, राजगढ़ जिले के पिपलिया रसोड़ा गांव में मासूम बच्ची के बोरवेल में गिरने का समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम बच्ची को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रयासरत है। मैं भी स्थानीय प्रशासन के निरंतर संपर्क में हूं। बच्ची को सकुशल बाहर निकालने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।