दुर्ग। मुख्यमंत्री समाज सेवक स्वर्गीय नीलमणि भारद्वाज के दशगात्र कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए पाटन के गुढ़ियारी ग्राम पहुंचे थे।
जहां मुख्यमंत्री ने शोक संतृप्त परिवार को सांत्वना दी और परिवार द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी किए जाने वाले समाज सेवा के कार्य को अतुलनीय बताया। उन्होंने स्वर्गीय नीलमणि भारद्वाज को मृदुभाषी एवं सरल स्वभाव का व्यक्ति बताया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्व. नीलमणि भारद्वाज के सामाजिक योगदान को जीवंत रखने के लिए कई घोषणाएं भी की। जिनमें उनके नाम पर प्राथमिक शाला गुढ़ियारी का नामकरण, आमालोरी चौक पर उनकी मूर्ति स्थापना व उनके नाम पर चौक का नामकरण, आमालोरी गायत्री शक्तिपीठ में भोजनालय शेड बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई।
इस अवसर पर उन्होंने स्वर्गीय नीलमणि भारद्वाज के पिता स्वर्गीय चिंताराम भारद्वाज को भी याद किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, स्वर्गीय चिंताराम भारद्वाज के ग्राम स्वराज और भूदान आंदोलन में उनकी भूमिका, सत्याग्रह आंदोलन में उनकी सक्रियता और ग्रामीण अंचल में शिक्षा के माध्यम से जन जागरण के उनके अथक प्रयास पर चर्चा की।
स्वर्गीय नीलमणि भारद्वाज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय चिंताराम भारद्वाज के ज्येष्ठत पुत्र हैं। उसके अलावा 1978 से 1981 तक वो जनपद पंचायत पाटन के अध्यक्ष भी रहे। इसके साथ ही वो गायत्री शक्तिपीठ अमल होरी के संस्थापक व संरक्षक भी थे।