सीएम बघेल की वजह से लटका है आरक्षण का मामला: बीजेपी


रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा संविधान की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण के मामले में कभी संविधान का पालन किया ही नहीं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण के नाम पर हमेशा छत्तीसगढ़ वासियों को गुमराह किया है। यह वह मुख्यमंत्री हैं जिस समाज से आते हैं उसी ओबीसी वर्ग को ही आरक्षण के मामले में ठगा है ।


15 अगस्त 2019 को इस प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने 82% आरक्षण की घोषणा की और इस 82% आरक्षण देने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों में जाकर अपना सम्मान भी करवाया। यह घोषणा उस समय की गई जब 58 प्रतिशत आरक्षण का मामला पहले से ही उच्च न्यायालय में चल रहा था। जिसमें 27% पिछड़ा वर्ग को 32% आदिवासी वर्ग को अनुसूचित जाति वर्ग को 13% एवं सामान्य रूप से कम आय वाले को 10% आरक्षण प्रदान किया गया था जो छत्तीसगढ़ शासन ने 4 सितंबर को इसका अध्यादेश लागू कर दिया। इस अध्यादेश को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार यहां के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने विधानसभा में 6 सप्ताह के अंदर पारित ही नहीं कराया। अगर मुख्यमंत्री संवैधानिक व्यवस्थाओं को समझते तो अध्यादेश को विधानसभा में पारित करवा लेते हैं इन्हें संविधान पर कभी भरोसा नहीं रहा।

देवलाल ठाकुर ने कहा यह हम नहीं कह रहे हैं कोर्ट पर जाकर सरकार के द्वारा पक्ष दिया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आरक्षण बढ़ाने वाली अध्यादेश को विधेयक के रुप में पारित ही नहीं करवाई। जिससे वह कालातीत हो गया पिछड़ा वर्ग के महासभा को भी छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी दी गई है। 58 प्रतिशत आरक्षण तो बचा नही पाए अब 76 प्रतिशत आरक्षण के लिए संविधान की दुहाई देते हैं जबकि इस प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद ही संविधान के विरोध में कार्य करते हैं।


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