रायपुर। नियमितीकरण और भूमि राजस्व कानून में सुधार की मांग को लेकर राजधानी में एक बार फिर कोटवार बड़े प्रदर्शन की तैयारी में हैं। 18 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक नवा रायपुर में प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई। सोमवार को इस प्रदर्शन को लेकर बैठक करने प्रदेशभर के सैकड़ों कोटवार संघ के सदस्य और पदाधिकारी पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ कोटवार एसोसिएशन की प्रमुख मांग है कि प्रदेश भर के करीब 16 हजार कोटवारों को नियमित किया जाए और राजस्व विभाग में उनका संविलियन किया जाए। इसके अलावा दूसरी मांग है कि भू-राजस्व कानून की कुछ धाराओं में संशोधन कर राजा-महाराजाओं द्वारा उन्हें दी गई जमीन पर फिर से भूस्वामी का हक दिया जाए, जिससे हम अपनी जिंदगी गुजर-बसर कर सकें।
कोटवार संघ प्रदेश अध्यक्ष प्रेम किशोर बाघ ने कहा कि आजादी के पहले राजा-महाराजाओं ने गांव की सेवा करने के बदले कोटवारों को जमीनें दी थीं, जिससे वे अपना भरण-पोषण करते थे। सरकार ने उन जमीनों को वापस अधिग्रहित कर लिया और शासकीय बना दिया, जिससे वे जमीन से वंचित हो गए। उन्होंने कहा कि 23 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री ने कोटवारों के प्रांतीय सम्मेलन में वादा किया था कि जल्द ही वे उनकी जमीन वापस लौटा देंगे, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि कांग्रेस की सरकार बने 4 साल बीत चुके हैं।