भाटापारा जिले को मिली 266 करोड़ विकास कार्यों सौगात, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक योजना का हुआ शुभारंभ


24.52 लाख किसानों को जारी हुई 1895 करोड़ रुपए की तीसरी किश्त


00 दस साल पंजीकृत रहे और 60 वर्ष पूरी कर चुके श्रमिकों को जीवन पर्यन्त मिलेगी 1500 रूपए की पेंशन

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री मल्लिकार्जुन खडग़े के मुख्य आतिथ्य में कृषकों और श्रमिकों को न्याय योजनाओं एवं श्रमिक योजनाओं की राशि का वितरण किया गया। इस मौके पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 266 करोड़ रुपए के 264 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया गया। इनमें 176 करोड़ रुपए के 150 कार्यों का लोकार्पण एवं 90 करोड़ रुपए की राशि के 114 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है।

सम्मेलन में राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत प्रदेश के 24 लाख 52 हजार 592 किसानों को उनके बैंक खातों में 1895 करोड़ रुपए और गोधन न्याय योजना के 65 हजार गोबर विक्रेताओं को 5 करोड़ 16 लाख रुपए की राशि अंतरित की गई। इसे मिलाकर राजीव गांधी किसान न्याय योजना में अंतरित की  जाने वाली राशि बढ़कर 23 हजार 893 करोड़ रूपए और गोधन न्याय योजना में अंतरित की जाने वाली राशि बढ़कर 507.14 करोड़ रूपए हो गई है। इसके अलावा 33 हजार 642 गन्ना उत्पादक किसानों को 57 करोड़ 18 लाख रुपए प्रोत्साहक राशि भी दी गई। सम्मेलन में मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना अंतर्गत दस साल तक पंजीकृत रहे एवं 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके निर्माणी श्रमिकों को जीवन पर्यंत 15 सौ रुपए की पेंशन सहायता दी जाएगी।

सम्मेलन में 1 लाख 2 हजार 889 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 55 करोड़ 76 लाख 26 हजार रुपए राशि का वितरण किया गया। इनमें छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा मंडल के 2881 हितग्राहियों को 3 करोड़ 86 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के 3236 हितग्राहियों को 1 करोड़ 65 लाख रुपए तथा छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के 96 हजार 772 हितग्राहियों को 50 करोड़ 24 लाख रुपए की राशि का वितरण किया गया।

सांसद श्री दीपक बैज ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी सरकार गांव, गरीब, मजदूर, वर्ग का हित साधने के काम कर रही है। हमारी सरकार ने जनता के हित में काम कर रही है। हमारी सरकार आने के बाद कर्ज माफी, समर्थन मूल्य में धान खरीदी, आदिवासियों की जमीन वापस करने का काम किया। हमने तीजा, पोरा जैसे हमारी संस्कृति से जुड़े त्योहारों में अवकाश देने का काम किया।


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