संसद का पांच दिवसीय सत्र सोमवार (18 सितंबर) से शुरू हो रहा है. सरकार ने इसकी घोषणा करते समय इसे ‘विशेष सत्र’ बताया था लेकिन बाद में स्पष्ट किया गया कि यह नियमित सत्र है. इसे मौजूदा लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र बताया गया है. सत्र 22 सितंबर तक चलेगा. इस दौरान सदन की कार्रवाई 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगी
संसद सत्र के दौरान जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता, चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग और आजादी के 75 साल पूरे होने के विषय पर भी चर्चा हो सकती है. अटकलें ये भी हैं कि इस सत्र में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ और देश का नाम ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ करने का प्रस्ताव भी लाया जा सकता है
असामान्य समय में सत्र बुलाए जाने को लेकर कई नेता हैरत में हैं क्योंकि आम तौर पर संसद में तीन सत्र आयोजित होते हैं, जिनमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं. इस बार मानसून सत्र जुलाई-अगस्त में आयोजित किया गया था. शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर में आयोजित किया जाएगा. बजट सत्र हर साल जनवरी के आखिर से शुरू होता है. वहीं, दो सत्र के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता है.
नई संसद में मंत्रियों को आवंटित हो चुके हैं कमरे
इससे पहले नई संसद में केंद्रीय मंत्रियों के लिए कमरों के आवंटन की सूचना आई थी. जिसमें अपर ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर मंत्रियों को कमरे आवंटित किए गए हैं.
बीजेपी और कांग्रेस ने सत्र को लेकर अपने-अपने सांसदों से क्या कहा?
बीजेपी और कांग्रेस संसद सत्र में अपने-अपने सांसदों को मौजूद रहने के लिए पहले ही व्हिप जारी कर चुकी हैं. कांग्रेस ने अपने सांसदों से कहा था कि वे 18 से 22 सितंबर तक संसद सत्र में मौजूद रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें. वहीं, बीजेपी ने अपने सांसदों को अहम विधेयकों पर चर्चा करने और सरकार के रुख का समर्थन करने के लिए कहा था