छत्तीसगढ़ में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों के लिए अलग रणनीति तैयार कर चुकी है। सरगुजा जिले की दो वीआईपी सीट अंबिकापुर और सीतापुर में बीजेपी लड़ाकू और टिकाउ उम्मीदवार का चेहरा तलाश पूरी कर चुकी है।
बता दें कि सरगुजा जिले की दो वीआईपी सीट अंबिकापुर से डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और सीतापुर से खाद्यमंत्री अमरजीत जीत का विधानसभा में पहुंचे हैं। बाकी एक सीट लुण्ड्रा में पार्टी ने अंबिकापुर नगर निगम के पूर्व महापौर प्रबोध मिंज को अपना उम्मीवार घोषित कर चुकी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सबसे अधिक फोकस इन्हीं विधानसभा सीटों पर है। दिसंबर 2022 से उनकी 11 सर्वे टीमें इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। इसमें 5 सर्वे टीम अमित शाह की हैं बाकी 6 टीमें विभिन्न एजेंसियां के माध्यम से काम कर रही हैं। ये सर्वे टीमें संगठन, ओम माथुर, जेपी नड्डा के सर्वे से अलग हैं।
सर्वे टीमें स्थानीय बोली में लोगों से ले रही फीड बैक
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सर्वे टीम के लोगों को सरगुजिया, कुड़ख जैसी बोली भी सिखाई गई है। जिससे ये आम लोगों के बीच में जाकर यह पता कर सकें कि भाजपा का जिताऊ उम्मीदवार कौन है।
हर सर्वे ने 3-3 नाम का पैनल भेजा है। बता दें की भाजपा ने 21 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की है, इसमें 5 सरगुजा की सीटें हैं। जिन्हें उम्मीदवार बनाया गया है उसमें सर्वे टीम के पैनल में शामिल नामों पर केंद्रीय नेतृत्व ने मुहर लगाई है।
डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को घेरने की तैयारी
भाजपा अंबिकापुर सीट पर भी जमकर मंथन कर रही है। 2008 के बाद जब यह सीट सामान्य हुई तब से डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं। ऐसे में सिंहदेव को घेरने के लिए भाजपा लड़ाकू उम्मीदवार खोज रही है। यहां आलोक दुबे, राजेश अग्रवाल, अनिल सिंह मेजर, कमलभान सिंह मरावी के अलावा एक नाम अखिलेश सोनी का जुड़ गया है।
बता दें सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा सीटों पर इस वक्त कांग्रेस का कब्जा है। पिछले चुनाव में यहां बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सरगुजा संभाग में उम्मीदवारों के चयन की बागडोर अपने हाथ में ले ली है।