प्रदेश के स्कूलों में आज से मनाया जाएगा संस्कृत सप्ताह, जानिए कहां से होगा शुभारंभ


रायपुर। छत्तीसगढ़ के विद्यालयों में संस्कृत सप्ताह का आयोजन श्रावण मास में श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद तक मनाया जाता है। इस साल स्कूलों में संस्कृत सप्ताह का आयोजन 27 अगस्त से 2 सितम्बर तक किया जाएगा। इसके अंतर्गत संस्कृत भाषा की महत्ता का प्रतिपादन, श्लोकपाठ, वेद उपनिषद और ग्रंथों पर संगोष्ठी, संस्कृत के सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान, संकुल स्तर पर संस्कृत की विभूतियों की कृतियों पर चर्चा सहित संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए रैली निकालकर आयोजन किया जाएगा। संस्कृत विद्यामंडलम् की ओर से संस्कृत सप्ताह के आयोजन के संबंध में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है।


संस्कृत सप्ताह के दौरान संस्कृत विद्यामंडलम् के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार शर्मा, सदस्य डॉ. तोयनिधि वैष्णव, सचिव अल्का दानी और सहायक संचालक लक्ष्मण प्रसाद साहू प्रत्येक दिवस मुख्य कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा प्रदेश के स्कूलों में भी संस्कृत सप्ताह के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ रविवार को दुर्ग जिले के विकासखण्ड पाटन के श्रीराम गुरूकुलम् संस्कृत विद्यापीठ आश्रम पहडोर पचपेढ़ी में किया जाएगा। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार शर्मा संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर करेंगे। कार्यक्रम में संस्कृत की महत्ता पर उद्बोधन भी होगा।

द्वितीय दिवस का मुख्य कार्यक्रम 28 अगस्त को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय डोंगरगढ़ जिला राजनांदगांव में आयोजित होगा। इस दिन स्कूलों में विद्यार्थियों की ओर से संस्कृत की महत्ता पर निबंध, लेखन और संभाषण होगा। तृतीय दिवस 29 अगस्त को मुख्य कार्यक्रम स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय छुरा जिला गरियाबंद में आयोजित होगा। इस दिन स्कूलों में संस्कृत श्लोकों का सस्वर वाचन, संस्कृत संभाषण, सुभाषित श्लोक और उनका अर्थ, पाठ्यपुस्तक आधारित संस्कृत नाटक का मंचन भी किया जाएगा।

रक्षा बंधन के दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है। संस्कृत सप्ताह के चतुर्थ दिवस 30 अगस्त (रक्षा बंधन) को संस्कृत दिवस पर मुख्य कार्यक्रम दुर्ग जिला धमधा में ओम सांई संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दिन स्कूलों में संस्कृत भाषा के वेद, उपनिषद, ब्राम्हण ग्रंथ, आरण्यक आदि विषयों पर विद्वानों का विचार, संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों की ओर से संस्कृत भाषा का विकास और संस्कृत में विज्ञान पर संवाद भी किया जाएगा। अवकाश के कारण यह कार्यक्रम सुविधा से आयोजित किया जाएगा।

पंचम दिवस 31 अगस्त को मुख्य कार्यक्रम कोण्डागांव जिले के विकासखण्ड फरसगांव के वैदिक चिकित्सा गुरूकुलम् संस्कृत विद्यालय बड़े डोंगर में आयोजित किया जाएगा। इस दिन स्कूलों में संस्कृत की सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान, ‘‘संस्कृत भाषा का अध्ययन जरूरी है’’ विषय पर परिचर्चा आयोजित की जाएगी। षष्ठम दिवस 1 सितम्बर को मुख्य कार्यक्रम जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड नवागढ़ के देव संस्कृति संस्कृत पूर्व मध्यमा विद्यालय नेगुरडीह में आयोजित किया जाएगा। इस दिन संकुल स्तर पर संस्कृत की विभूतियों कालिदास, पाणिनी, महर्षि वेदव्यास, वाल्मीकि और अन्य संस्कृत विद्वानों की कृतियों पर चर्चा और हिन्दी की छोटी-छोटी कहानियों का संस्कृत में अनुवाद करते हुए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। सप्तम दिवस 2 सितम्बर को मुख्य कार्यक्रम गरियाबंद में आयोजित होगा। इस दिन स्कूूलों में रैली का आयोजन, संस्कृत के विद्वानों का सम्मान, संस्कृत सप्ताह के समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा।


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