स्मृति नगर में आजादी का अमृत महोत्सव, ट्रिपल एम के कलाकारों की हुई शानदार प्रस्तुति


हिंदी फिल्मों के यादगार नगमों ने बांधा समां


भिलाई। इस्पात नगरी की 4 दशक पुरानी सांस्कृतिक संस्था मेटलर्जिकल म्यूजिक मेकर्स (3 एम) ने स्मृति गृह निर्माण सहकारी समिति के साथ मिल कर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत संगीत संध्या का आयोजन किया। विवेकानंद सभागार में आयोजित इस समारोह में 3 एम के मंजे हुए कलाकारों ने देशभक्ति गीतों से समां बांध दिया। लगभग तीन घंटे तक चले इस कार्यक्रम में पूरा हॉल खचाखच भरा रहा। सुधि श्रोताओं ने गायकों पर भरपूर स्नेह लुटाया. आखिरी प्रस्तुति पर तो कलाकार और श्रोता एक साथ नृत्य करने लगे।
इस कार्यक्रम में सबकुछ परफेक्ट रहा। मन तड़पत हरि दर्शन को आज… के साथ ट्रिपल एम के संयोजक ज्ञान चतुर्वेदी ने गीतों की लंबी श्रृंखला का आगाज किया। अंतिम गीत – ओ हसीना जुल्फों वाली… भी ज्ञान चतुर्वेदी ने ट्रिपल एम की संस्थापक सदस्य शिखा मोइत्रा के साथ प्रस्तुत किया। जिस पर श्रोताओं के साथ ही ट्रिपल-एम के कलाकार भी थिरकने लगे। स्मृति गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष राजीव चौबे पूरे आयोजन के दौरान मौजूद रहे।
कार्यक्रम में कालजयी देशभक्ति गीतों के साथ ही सुपर हिट गीतों की भी सुमधुर प्रस्तुतियां दी गईं। इनमें शिखा मोइत्रा द्वारा देश रंगीला रंगीला एवं वो भूली दास्तां, ट्रिपल एम की स्टार सिंगर अलका शर्मा द्वारा ऐ मेरे वतन के लोगों एवं मुझे तुम मिल गए हमदम, जीएमएस नायडू द्वारा ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली ज्ञान चतुर्वेदी द्वारा तू गंगा की मौज मैं जमुना की धारा, अजय लोंधे द्वारा ये देश है वीर जवानों का तथा आज से पहले आज से ज्यादा, सतीश जैन द्वारा कर चले हम फिदा जानो तन साथियों…, भागवत टावरी द्वारा पुकारता चला हूँ मैं एवं किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, दीपक रंजन दास द्वारा ऐ मेरे प्यारे वतन, श्याम शेखर द्वारा चलते चलते मेरे ये गीत एवं है प्रीत जहाँ की रीत सदा, अंजना नवीन द्वारा आंखों से जो उतरी है दिल में… आदि गीतों की सुमधुर प्रस्तुतियां दी गईं। इसके अलावा कुछ युगल गीतों की भी प्रस्तुति दी गईं। जिसमें गरिमा सिन्हा एवं शेखर द्वारा रोज-रोज आंखों तले, दीपक रंजन दास एवं अंजना द्वारा जब दीप जले आना, अजय एवं अलका द्वारा तुम्हारी नजर क्यों खफा हो गई, आदि प्रमुख हैं। स्थानीय लोगों में मनीषा चौधरी और गौतम मोइत्रा ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
स्मृति नगर के सभागार में मिले इस प्यार पर ट्रिपल-एम के प्रमुख ज्ञान चतुर्वेदी ने इसे अविस्मरणीय बताया। आरंभ में स्मृति नगर समिति के अध्यक्ष राजीव चौबे ने कहा कि भारतीय सिनेमा के 50 से 70 के दशक के बीच के गीतों ने वह मजबूत नींव रखी जिसपर आज का संगीत आगे बढ़ रहा है। कार्यक्रम का कुशल संचालन ट्रिपल एम के सतीश जैन एवं दीपक रंजन दास ने संयुक्त रूप से किया।


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