ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने ASI सर्वे पर दिखाई हरी झंडी


Gyanvapi Survey: वाराणसी की ज्ञानवापी परिसर में सर्वे रोके जाने को लेकर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज कर दी है। इसी के साथ ज्ञानवापी में आज फिर से सर्वे शुरू हो गया है। एएसआई सर्वे को लेकर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। बता दें कि हाई कोर्ट ने एक दिन पहले गुरुवार को ज्ञानवापी में सर्वे कराए जाने के निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए सर्वे की अनुमति दे दी थी। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वे के लिए हरी झंडी दिखा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कहा- हम हाईकोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें? कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि ASI सर्वे पर ऐतराज क्यों है? सर्वे से मुस्लिम पक्ष को कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है। सिर्फ यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि सर्वे को होने दीजिए। रिपोर्ट को सील कवर में जमा होने दीजिए।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि एएसआई ने सर्वे में किसी भी स्थान पर नुकसान ना पहुंचने का आश्वासन दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि हाई कोर्ट ने सर्वे की बात कही है, सर्वे से तो साक्ष्य ही सामने आएंगे। ये तो आपके मामले में काम आएगा, इसमें आप हमारा अयोध्या वाला फैसला ही देख लीजिए। हर एक प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस सर्वे को सील रखने का आदेश दिया जा सकता है। तब तक के लिए जब तक कि आदेश 7 नियम 11 पर फैसला ना हो जाए। साथ ही श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। सीजेआई ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट पर अभी सुनवाई नही करेंगे।

सर्वे दोनों पक्षों के लिए सबूत होगाः SC
मुस्लिम पक्ष की ओर से जब आपत्ति जताई गई तब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम एसजी का बयान ले लेते हैं. जिस पर एसजी ने बयान दिया कि एएसआई अपना सर्वे करता रहेगा, कोई भी खुदाई अदालत के आदेश के बिना नहीं होगी। जीपीआर सर्वे में एक्सपर्ट्स की मौजूदगी होगी, जबकि वीडियोग्राफी भी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे सिर्फ एक दस्तावेज नहीं होगा, बल्कि दोनों पक्ष के लिए अहम सबूत होगा।


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