रायगढ़। साइबर फ्रॉड के मामलों में रायगढ़ पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है । एसएसपी सदानंद कुमार के कुशल मार्गदर्शन पर गठित विशेष टीम द्वारा फर्जी वेबसाइट पर डिटेल भरवाकर ठगी करने वाले गिरोह के 4 सक्रिय सदस्यों को जामताड़ा (झारखंड) में दबिश देकर पकड़ा गया है।
हर हफ्ते बदल देते थे अपना ठिकाना
यह गिरोह जामताड़ा के झिलुवा टोला क्षेत्र से सक्रिय रहकर सायबर ठगी का काम कर रहा था, जहां से ये कस्टमर केयर के रूप में लोगों को कॉल किया करते थे । शातिर आरोपी हर 7-8 दिन में अपना ठिकाना बदलते थे। ये अलग-अलग मोबाइलों नंबरों के जरिए अपने कस्टमर को कॉल करते थे।
बैंकों की डमी वेबसाइट बनाकर ठगी
आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि ये सभी प्रमुख बैंक जैसे- HDFC, SBI, IDBI इत्यादि का डमी लॉगइन पेज/वेबसाइट बना कर रखे हुए हैं। ये अपने कस्टमर को कॉल कर उन्हें डराया करते थे कि उनका क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड/एटीएम सस्पेंड होने वाला है, उसे अपडेट करें। जैसे ही कस्टमर इनके झांसे में आता था और इन्हें कस्टमर के बैंक की जानकारी मिलती थी। ये कस्टमर को व्हाट्सअप या टेक्स्ट मैसेज के जरिये उसी बैंक का एक डमी लॉगिन पेज का एक फिसिंग लिंक मोबाइल पर सेंड करते और कस्टमर से ID/PASSWORD से पेज लॉगिन कराकर एक ऑनलाइन फार्म फिलअप कराते थे। कस्टमर फार्म फिलअप कर सबमिट करता तो कस्टमर के तमाम पर्सनल बैंक डिटेल इस फ्रॉड गैंग के पास होता और ये कस्टमर के बैंक अकाउंट में ID/PASSWORD से लॉगिन कर कस्टमर के सारे रुपए विभिन्न UPI, PHONE PAY, PAY TM इत्यादि में रूपये ट्रांसफर कर निकाल लेते और आपस में बांट लेते थे।
लगातार मॉनिटरिंग से पकड़ा गया गिरोह
SSP सदानंद कुमार ने बताया कि पीड़ित वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव (उम्र 39 वर्ष), निवासी विकास नगर, कोतरारोड द्वारा 7 जुलाई 2022 को थाना कोतवाली में उनके क्रेडिट कार्ड से 5 जून को ₹50000-₹50000 के 3 ट्रांजैक्शन अज्ञात आरोपियों द्वारा किया जाना बताते हुए लिखित आवेदन देकर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराया गया था। जिस पर FIR दर्ज कर विवेचना में लिया गया। पीड़ित के बैंक खाते से पेटीएम के माध्यम से रुपए ट्रांसफर होने की जानकारी मिली । साइबर सेल और कोतवाली पुलिस द्वारा जिन यूपीआई का उपयोग ठगी किया गया था, उसे जांच में रखा गया था।
बिहार-झारखण्ड में पहले से ही जुर्म दर्ज
पुलिस विवेचना में सिम बंद मिला, सिम जिन मोबाइल पर उपयोग किये गये थे। उन मोबाइल के ईएमआई के टेक्निकल एनालिसिस पर जिन नंबरों का पता चला, उन नंबरों के विरूद्ध पहले से ही बिहार और झारखंड में भी अपराध दर्ज हैं। सायइर सेल की टीम 60-65 अलग अलग ईएमआई नंबरों का विश्लेश्ण कर रही थी। तभी कुछ सिम नंबर के फिर से एक्टिवेट होने की जानकारी मिलने पर तत्काल सीएसपी रायगढ़ के नेतृत्व में सायबर सेल, थाना कोतवाली, चक्रधरनगर और कोतरारोड़ का स्टाफ दिगर प्रांत रवाना हुआ ।
एक ही जगह पर कई गिरोह सक्रिय
रायगढ़ पुलिस की टीम ने पूरी गोपनियता बरतते हुये सुनियोजित तरीके से पहले झारखंड जामताड़ा जिले के झिलुवाटोला और घोषबाद क्षेत्र में दबिश दी। जहां एक ही लोकेशन पर कईगिरोहों द्वारा सक्रिय होकर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था। टीम ने रेड कर साइबर फ्रॉड कर रहे गैंग के 4 शातिर आरोपियों को धर दबोचा। वहीं कुछ आरोपी मौके से भाग निकले। टीम की पकड़ में आये 4 आरोपियों के पास से पुलिस ने 13 नग मोबाइल और विभिन्न कंपनियों के 69 सिम जब्त किये हैं। आरोपियों से पूछताछ में थाना कोतवाली रायगढ़ क्षेत्र के विकास नगर कोतरारोड में रहने वाले वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव हुई डेढ़ लाख रुपए की ठगी का खुलासा हुआ है।
मजदूरी करते-करते बन गए ठग
गिरफ्तार आरोपी राजेश मंडल, सुरेश मंडल, दुर्योधन मंडल और निसार अंसारी को कोतवाली पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ कर रही है। आरोपियों में केवल निसार अंसारी ही कक्षा दसवीं पास है, बाकी 3 आरोपी केवल प्राथमिक शिक्षा प्राप्त किये हैं। निषार अंसारी के खिलाफ थाना करमाटांड में धारा 307 IPC का मामला दर्ज है। आरोपी निषार ने बताया कि उसके जीजा का भाई इकबाल अंसारी काफी दिनों से सायबर ठगी का काम कर रहा है, जो इसे और उसके कई साथियों को सायबर ठगी का काम सीखा कर उनका उपयोग करता है, बदले में सभी को मोटी रकम देता है। पकड़े गये सभी आरोपी पहले मजदूरी का काम करते थे। आरोपियों ने बताया कि जैसे ही कस्टमर इनके झांसे में आता सारे रुपयों को जल्द से जल्द निकाल कर आपस में बंटवारा कर लिया करते थे।