भूपेश सरकार की नीति के कारण धान के किसान, रकबा, पैदावार दुगुना : बैज
रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा धान की कीमत भूपेश सरकार देती है। यह भूपेश सरकार की खेती किसानी को बढ़ावा देने नीति का परिणाम है कि वही प्रदेश है, वही भू-भाग है, लेकिन 4 साल में भाजपा राज की तुलना में दुगुने किसान लगभग 24 लाख धान बेचे, दुगुनी धान 107.5 लाख मीट्रिक टन की खरीदी हुई, दुगुने रकबे 30 लाख हेक्टेयर पर धान की पैदावार हुई है।
उन्होंने कहा कि धान खरीदी में भाजपा की केन्द्र सरकार के सिवाय अडंगेबाजी के कुछ नहीं किया है। भाजपा आदतन किसान विरोधी है। चुनाव में मत लेने के लिये वह किसानों के हितों की बात करती है। चुनावी घोषणा पत्र में वायदा करती है। सरकार में आने के बाद वह भूल जाती है। मोदी सरकार किसानों को धान की कीमत समर्थन मूल्य से ज्यादा मिलने में रोक लगाती है। मोदी सरकार की अड़ंगेबाजी के कारण कांग्रेस सरकार किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2500 रू. एक मुश्त नहीं मिल पाता। मोदी सरकार की किसान विरोधी चरित्र के कारण कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर किसानों को प्रति एकड़ 9000 रू. इनपुट सब्सिडी देना किया जिससे छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत 2640 रू. से अधिक मिला है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की कथनी करनी का अंतर हमेशा से अलग रही। छत्तीसगढ़ में सरकार में रहते भाजपा ने वायदा किया कि धान का 2100 रूपये समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। 5 साल तक 300 रूपये बोनस देंगे, 5 साल नही दिया। धान का एक-एक दाना खरीदेंगे, नहीं खरीदा। 10 क्विंटल खरीद रहे थे कांग्रेस के विरोध के बाद बढ़ाया। 2014 के चुनाव के पहले मोदी ने वायदा किया था स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों लागू करेंगे लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत जोंडकर समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे। 2022 बीत गया किसानों की आय बढ़ने के बजाये घट गयी।
उन्होंने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में किसानों से केंद्र में भाजपा की सरकार बनने पर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने,महंगाई कम करने,किसानों की आय दुगुनी करने का वादा किया था। लेकिन 2013 में बनी रमन सिंह की सरकार और 2014 में बनी मोदी की सरकार ने किसानों से वादाखिलाफी कर किसानों के साथ अन्याय किया। मोदी सरकार ने रासायनिक खादों के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर, सस्ते डीजल को महंगे दामों में बेचकर मुनाफाखोरी कर महंगाई की मार झेल रहे कर्ज से दबे हताश परेशान मजबूर देशभर के किसानों को लगातार नुकसान पहुंचाया है।