छत्तीसगढ़ विधानसभा : भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव में ईडी, तो जवाब में कांग्रेस लहराएगी सीडी


रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का अंतिम सत्र 18 से 21 जुलाई तक चलेगा। चार दिवसीय सत्र में कांग्रेस और भाजपा आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। इस सत्र के बाद राजनीतिक दल चुनावी मैदान में उतर जाएंगे। भाजपा जहां अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार के घेरने के लिए ईडी की कार्रवाई जैसे मुद्दों को उछालेगी, तो जवाब में कांग्रेस विधायकों की तरफ से इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले की सीडी का मुद्दा आएगा। सरकार से अधूरे चुनावी वादों को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद भी की जा रही है। मानसून सत्र के लिए अब तक विधायकों ने 370 सवाल पूछे हैं। बुधवार को सवाल पूछने का अंतिम दिन है।


भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कर दिया कि उनके प्रस्ताव को ध्वस्त कर दिया जाएगा। भाजपा के पास कोई मुद्दा बचा नहीं है। सिर्फ जनता को बताने के लिए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।

उधर, कांग्रेस ने कहा कि भूपेश सरकार में विधानसभा के 15 सत्र हो चुके हैं, इसमें भाजपा का प्रदर्शन शून्य रहा है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जनता का विश्वास खो चुकी भाजपा अब पंचम विधानसभा के आखिरी सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने का नाटक कर रही है। राजनीति करने और मीडिया में बने रहने के लिए ढोंग कर रही है। भाजपा विधायक सवाल लगाकर जवाब सुनने से पहले पीठ दिखाकर सत्र से भाग जाते थे और इस दृश्य को पूरे छत्तीसगढ़ ने देखा है।उधर, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस सरकार का वास्तविक चेहरा जनता के सामने लाया जाएगा। रेत घोटाला, शराब घोटाला, पीएससी घोटाला, राशन घोटाला पर बात होगी। यह सरकार पूरे देश में भ्रष्टाचार शिरोमणि की उपाधि हासिल कर चुकी है। सरकार के भ्रष्टाचार पर चर्चा न हो, इसलिए सत्र को सिर्फ चार दिन का बुलाया गया है। भाजपा ने दस दिन के सत्र की मांग की है।

पहले कौशिक अब चंदेल के नेतृत्व में घेरेंगे

प्रदेश की सत्ता गंवाने के बाद नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में आए धरमलाल कौशिक ने 27 जुलाई 2022 को भूपेश सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इसमें 12 घंटे 32 मिनट चर्चा हुई और प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकृत हो गया था। अब नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के नेतृत्व में पहला अविश्वास प्रस्ताव जुलाई के सत्र में आ रहा है।

सबसे लंबे समय तक सिंहदेव के प्रस्ताव पर हुई थी चर्चा

15 साल के सत्ता के वनवास को दूर करने में रमन सरकार की तीसरी पारी में कांग्रेस की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में 24 घंटे 25 मिनट तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। राज्य गठन के बाद आए आठ अविश्वास प्रस्ताव में इससे ज्यादा समय तक कभी भी चर्चा नहीं हुई। सिंहदेव ने पांच साल में रमन सरकार के खिलाफ तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाया था। तीनों प्रस्तावों में कुल 57 घंटे चर्चा हुई।

-धरमलाल कौशिक -27 जुलाई 2022 -12 घंटे 32 मिनट- ध्वनिमत से अस्वीकृत

-टीएस सिंहदेव- 06 जुलाई 2018-14 घंटे 08 मिनट-ध्वनिमत से अस्वीकृत

-टी.एस.सिंहदेव – 22 दिसंबर 2017- 18 घंटे 38 मिनट- अस्वीकृत

-टी.एस.सिंहदेव- 25 जुलाई 2015- 24 घंटे 25 मिनट- अस्वीकृत

-रविंद्र चौबे- 16 दिसंबर 2011- 23 घंटे 19 मिनट- अस्वीकृत

– महेन्द्र कर्मा- 03 दिसंबर 2007- 17 घंटे 50 मिनट- अस्वीकृत

-नंद कुमार साय-30 सितंबर 2002- 17 घंटे 08 मिनट- अस्वीकृत

-नंद कुमार साय- 29 जुलाई 2003- 11 घंटे 52 मिनट- अस्वीकृत


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