कांग्रेस शासनकाल में हुए निर्माण कार्यों की होगी जांच, कई निकायों में भ्रष्टाचार की आशंका, आयुक्तों को आदेश जारी, खुलेंगे कई राज…


रायपुर: कांग्रेस शासनकाल में हुए निर्माण कार्यों की नगरीय प्रशासन विभाग जांच करेगा। विभाग ने साफ किया है कि पांच वर्ष पहले नगरीय प्रशासन विभाग के तहत नगर-निगमों, नगर पालिकाओं में ऐसे कार्यों की जांच होनी चाहिए, जो जिसकी एक बार स्वीकृति लेकर बार-बार कार्य कराएं गए हैं। ऐसे समस्त कार्यों की जांच होनी चाहिए।


राज्य सरकार के दिशा-निदेर्शों के बाद नगरीय प्रशासन विभाग में निकायों से 12 बिंदुओं पर जानकारी मंगाई है। इससे पहले हाल ही में उप मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेशभर के निगम आयुक्तों, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से नगरीय निकायों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की थी।

कई निकायों में भ्रष्टाचार की आशंका

समीक्षा बैठक में आला अधिकारियों से चर्चा के बाद यह निष्कर्ष निकला कि कई निकायों में बीते पांच वर्षों में विभिन्न कार्यों में भ्रष्टाचार व गड़बड़ियां हो सकती है। यह जांच के बाद पता चलेगा। शहरी क्षेत्रों में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के साथ अन्य योजनाओं पर अधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

इन केंद्रीय योजनाओं पर होगी विशेष जांच

1. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना।

2. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना।

3. स्मार्ट सिटी योजना।

4. अमृत सरोवर योजना।

5. प्रधानमंत्री आवास योजना।

6. दीनदयाल उपाध्याय अत्योदय योजना।

7.प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम।

एनजीटी के आदेश का कड़ाई से पालन करना होगा

समीक्षा बैठक में यह साफ कर दिया गया है कि एनजीटी के आदेशों का कड़ाई से पालन करना होगा। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर एनजीटी के सभी प्रकार के आदेशों का परिपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री ने दिए यह प्रमुख दिशा-निर्देश प्रमुख

1. सभी प्रगतिरत कार्यों को फरवरी 2024 तक पूर्ण किया जाए एवं अप्रारंभ कार्यों को 31 मार्च 2024 तक पूर्ण किया जाए।

2. सभी आयुक्त एवं वरिष्ठ अभियंता सप्ताह में तीन दिन सुबह सात बजे से सुबह नौ बजे तक विकास कार्यों का निरीक्षण करेंगे।

3. निकाय के तहत केंद्र प्रवर्तित योजना, राज्य प्रवर्तित योजना, अधोसंरचना मद के तहत जिन ठेकेदारों ने समय-सीमा में निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया। उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

4. 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि नगरीय निकायों के पास लंबित है। उनके द्वारा कार्य नहीं कराया जा रहा है। यह कार्य तत्काल सुनिश्चित कराया जाए।

5. किसी भी वार्ड में जल संकट की स्थिति निर्मित ना हो। वार्डों में जल प्रदाय की स्थिति का आंकलन किया जाना चाहिए।

6. आय एवं स्थापना व्यय में संतुलन स्थापित किया जाए। समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई निकायों में आय से अधिक व्यय है।

7. शत-प्रतिशत राजस्व वसूली के लिए निकायों में अभियान चलाया जाए।

8. नवनिर्मित कालोनियों एवं व्यवसायिक परिसरों से भी प्राथमिकता से सम्पत्ति कर वसूली की जाए।

9. साफ-सफाई कार्य में लगे प्लेसमेंट व नियमित कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित किया जाना चाहिए। कम कर्मचारी पाए जाने पर ठेकेदार, स्वच्छता प्रभारी पर कार्रवाई की जाए।

10. स्वीकृत आवासों को अविलंब फरवरी-2024 में शुरू कराया जाए। रायपुर, दुर्ग, धमतरी, कोरबा, बिलासपुर, रायगढ़ आदि जिलों में सभी पीएम आवास 29 फरवरी तक अनिवार्य रूप से शुरू किया जाए।


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