विश्व आदिवासी दिवस आज, जानिए इतिहास, महत्व और थीम


हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है।  आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनके मुद्दों पर ध्यान खींचने के लिए यह दिन दुनियाभर में मनाया जाता है। भारत में आदिवासी आबादी अनुसूचित जनजाति के तहत आती है।


अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के उद्देश्य चलाई जा रहीं कुछ विकास कार्य योजनाओं और कार्यक्रमों का भी जिक्र किया गया है, जो इस प्रकार हैं- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, समग्र शिक्षा, जल जीवन मिशन/राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन, आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण, दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, 10,000 एफपीओ का गठन और संवर्धन, पीएम-किसान, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना आदि.

इस आदिवासी युवक का छाया रहा मामला

बता दें कि आंकड़ों के हिसाब से देश में सबसे ज्यादा एसटी आबादी मध्य प्रदेश में ही रहती है. पिछले दिनों अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार के मामलों को लेकर देश में काफी गुस्सा देखा गया. जिसमें मध्य प्रदेश का पेशाब कांड खासा चर्चा में रहा. एमपी के सीधी में एक आदिवासी युवक दशमत रावत पर पेशाब करने का वीडियो वायरल हुआ था. हालांकि, पीड़ित ने बताया था कि वीडियो तीन साल पुराना है

सभी देशों के सामुदायिक उत्सव के रूप में मनाया जाता

विश्व के आदिवासी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को ऑलिन द्वारा किंग्स्टन,, वक्ताओं, कवियों, कलाकारों और विक्रेताओं और सामुदायिक सेवा बूथों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सभी देशों के सामुदायिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है

क्या है थीम 

9 अगस्त को भारत समेत पूरी दुनिया में हर साल विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. हर साल वर्ल्ड इंडीजिनस डे का अलग थीम होता है. विश्व आदिवासी दिवस 2023 का थीम ‘इंडीजिनस यूथ ऐज एजेंट्स ऑफ चेंज फॉर सेल्फ डिटरमिनेशन‘ है. विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समाज के पुरातन ज्ञान को सेलिब्रेट करते हैं


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