धनतेरस पर क्यों किया जाता है दीपदान? जानें इसकी विधि और शुभ मुहूर्त से लेकर सबकुछ


धनतेरस 29 अक्तूबर को मनाया जाएगा. परंपरागत रूप से दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला धनतेरस देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि को समर्पित है. इस दिन कुबेर और धन्वंतरि की विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही इस दिन सोना- चांदी, कपड़े, बर्तन, गाड़ी, झाड़ू आदि चीजों को खरीदना बहुत फलदायी माना जाता है


हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाले पर्व धनतेरस की शुरूआत 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन यानी 30 अक्तूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगा. इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक है. इस मुहूर्त में आप दीपदान करके धन वैभव की प्राप्ति कर सकते हैं.

 शुभ मुहूर्त – Dhanteras shopping muhurat

पंचांग के अनुसार, इस दिन खरीददारी का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 10.00 बजे तक रहेगा. वहीं, दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 02.00 बजे से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगा जबकि तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 32 बजे तक होगा.

धनतेरस पर क्यों किया जाता है दीपदान?

शास्त्रों और पुराणों में धनतेरस पर दीपदान करने के पीछे कई कथाएं बताई जाती हैं. दीपदान करने की परंपरा बहुत पुरानी है. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि तुम हर दिन हजारों लोगों के प्राण लेकर आते हो, क्या कभी तुम्हें किसी पर दया नहीं आती. इसपर एक यमदूत कहा कि मृत्यु लोक में एक हेम नाम का राजकुमार था जिसके जन्म होने पर ज्योतिषियों ने बताया था कि जब भी बालक विवाह करेगा तो उसके चार दिन इसकी मौत हो जाएगी.


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