India Pakistan War : भारत पाकिस्तान युद्ध लंबा खिंचने के आसार दिख रहे हैं. ऐसे में यह भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि कौन सा देश किस पाले में खड़ा है. परमाणु हथियारों से लैस दो देशों के बीच सैन्य संघर्ष के बीच अमेरिका, रूस-चीन जैसे देशों के रुख पर दुनिया भर की निगाहें टिकी हैं.








भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दुनिया के 10 देशों से कूटनीतिक संपर्क साधा है. भारत ने उन देशों को साफ बताया है कि पाकिस्तान के सीमापार आतंकवाद के खिलाफ शुरू हुई ये कार्रवाई पर भारत का अधिकार है. पाकिस्तान की हिमाकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. भारत ने अमेरिका, इटली और यूरोपीय संघ के तमाम देशों से संपर्क साधा है. पाकिस्तान के किसी भी उकसावे की कार्रवाई पर भारत चुप नहीं बैठेगा. वहीं पाकिस्तान ने अमेरिका से भी मदद मांगी थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने उसे ठेंगा दिखा दिया है.उधर, तुर्किये और अजरबेजान ने पाकिस्तान को समर्थन दिया है. तुर्किये पाकिस्तान की सैन्य मदद भी कर रहा है. जबकि अमेरिका और यूरोपीय देश आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े दिखते हैं.
वहीं इजरायल ने भारत का समर्थन किया है.ऑपरेशन सिंदूर पर इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने कहा, इजराइल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है. आतंकियों को मालूम होना चाहिए कि बेकसूरों के खिलाफ गंभीर अपराधों के बाद वो कहीं भी छिप नहीं सकेंगे.
एहसानफरामोश तुर्किये
तुर्किये के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगान ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान के बीच खुले सैन्य संघर्ष से चिंतित हैं.हम पाकिस्तान में अपने भाई बहनों को लेकर चिंता में हैं. आग भड़काने की बजाय हम तनाव घटाने और संवाद का रास्ता खोलने का प्रयास कर रहे हैं.
ब्राजील ने आतंकवाद की निंदा की
ब्राजील ने आतंकवाद की निंदा करते हुए पाकिस्तान को परोक्ष रूप से आलोचना की. साथ ही दोनों देशों से संयम बरतने की अपील भी की.उसने अपने नागरिकों से संघर्षरत देशों की गैर जरूरी यात्रा न करने की सलाह दी है.
नेपाल भी भारत के समर्थन में
नेपाल ने भी आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत का समर्थन किया है. नेपाल सरकार ने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए.
नार्वे भी सामने आया
नार्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने के साथ आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के भारत का रुख का समर्थन किया है. साथ ही दोनों देशों में तनाव घटाने, संयम बरतने और कूटनीतिक रास्तों से हल निकालने का आह्वान किया है.
रूस और चीन पर नजर
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बीच रूस और चीन का रुख बेहद अहम होगा. चीन ने पाकिस्तान को खुला समर्थन जैसा कोई बयान न देकर उसे चौंका दिया है. वहीं यूक्रेन के साथ युद्ध में फंसे रूस का रुख भी संतुलित दिखा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की मॉस्को में गुरुवार को चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी हुई.