नवरात्रि पर्व पर 9 दिन पहनें ये नौ रंग के कपड़े…जीवन में आएगी खुशियां, बरसेगी माता रानी की कृपा


Navratri 2024 : शक्ति की आराधना का महापर्व वासंतिक नवरात्र आज 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है। नौ दिन मां के नौ रूपों की पूजा शास्त्रों के अनुसार होती है। रंगों का भी नवरात्रि की पूजा में अपना अलग महत्व होता है। नौ दिन देवियों के रूप के अनुसार रंगों के वस्त्र धारण कर पूजन करना और भी ज्यादा लाभदायक सिद्ध होता है। नौ दिन देवियों के रूप के अनुसार अलग-अलग रंगों के वस्त्र धारण करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए जानें वे 9 रंग कौन से है।

नारंगी और श्वेत रंग- नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा होती है। पर्वत राज हिमालय की पुत्री का वर्ण सफेद है। माता को नारंगी और श्वेत रंग सबसे प्रिय है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन भक्तों को सफेद रंग के वस्त्र पहनकर मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।

सफेद- माता ब्रह्मचारिणी के स्वभाव के अनुरूप सफेद रंग सबसे उत्तम माना जाता है। नवरात्र के दूसरे दिन भी सभी को सफेद रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए। इससे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

लाल- तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। मां सदैव लाल जोड़े में भक्तों को दर्शन देती हैं। इसलिए भक्तों को लाल रंग के वस्त्र पहनकर माता का पूजन करना चाहिए। लाल रंग वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। इससे समृद्धि बढ़ती है।

नीले या बैंगनी- चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा होगी। श्रद्धालुओं को माता की कृपा के लिए गहरे नीले रंग या फिर बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करने से मां की कृपा बरसता है। इससे आपके घर में समृद्धि बढ़ती है।

पीला- पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा होती है। मां के इस रूप की पूजा पीले या फिर सफेद वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। माता की आराधना से मोक्ष की प्राप्ति के साथ ही भक्तों की समस्त इच्छाएं पूरी होती हैं।

गुलाबी- छठें दिन मां कात्यायनी के दर्शन होते हैं। मान्यता है कि इस दिन कुंवारी कन्याएं गुलाबी वस्त्र पहनकर मां दुर्गा की पूजा करें तो उन्हें शीघ्र ही मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है। कात्यायनी देवी साधकों को शत्रुओं का संहार करने में सक्षम बनाती हैं।

स्लेटी या कत्थई- सातवें दिन मां कालरात्रि का पूजन होता है। इस दिन स्लेटी या फिर कत्थई रंग के वस्त्र पहनकर मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।

सफेद और बैंगनी- आठवें दिन महागौरी माता के दर्शन करने चाहिए। महागौरी गाय की सवारी करती हैं और इनका वर्ण श्वेत है। इसलिए भक्तों को सफेद और बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर मां की पूजा करनी चाहिए। महागौरी की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है।

हरा- नौवें दिन माता सिद्धिदात्री का पूजन करना चाहिए। इस दिन भक्तों को हरे रंग के वस्त्र धारण करके माता की आराधना करनी चाहिए। हरा रंग खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करने से आपके घर में सुख समृद्धि बढ़ती है।


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