Aaj ka Panchang 11 January 2024: पौष अमावस्या पर शिववास का बन रहा है अद्भुत संयोग, पढ़ें पंचांग एवं राहुकाल


 Aaj ka Panchang 11 January 2024: आज पौष अमावस्या है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। साथ ही पूजा, जप-तप कर रहे हैं। पौष अमावस्या पर पितरों का तर्पण भी किया जाता है। अतः साधक अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान भी कर रहे हैं। धार्मिक मान्यता है कि पौष अमावस्या पर पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से साधक के सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो पौष अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा-अभिषेक हेतु विशेष संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शाम 05 बजकर 26 मिनट तक है। इसके पश्चात, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो आज ‘शिववास’ का शुभ संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव का अभिषेक करना उत्तम माना जाता है। इसके अलावा, आज अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक है। वहीं, अमृत काल दोपहर 01 बजकर 15 मिनट से दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक है।

शिववास

सनातन शास्त्रों में निहित है कि भगवान शिव के मां पार्वती के साथ कैलाश पर रहने के दौरान अभिषेक करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। आज पौष अमावस्या पर भगवान शिव मां पार्वती के साथ अमावस्या समाप्त होने तक रहेंगे। इस समय में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 42 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 05 बजकर 28 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 07 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल – दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से 15 बजकर 06 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 56 बजे तक

दिशा शूल – दक्षिण

ताराबल

अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन


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