तीन माह में तीन बड़ी सभा… क्या मोदी लगा पाएंगे भाजपा का बेड़ा पार


रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बीजेपी की दो ‘परिवर्तन यात्राओं’ के समापन समारोह में शामिल हुए। चुनावी साल में वैसे तो सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं, लेकिन बीजेपी इस मामले में थोड़ा अलग है।


छत्तीसगढ़ में प्रचार-प्रसार के लिए बहुत हद तक पीएम मोदी की रैलियों पर निर्भर है। बीजेपी मध्य प्रदेश में अपनी जमीन बनाने के लिए पूरी कोशिश में है। प्रत्याशियों की हालिया लिस्ट में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के नाम से सभी चुनावी राज्यों में हलचल मची हुई है। ऐसे में ऐसी कयास लगाई जा रही है कि छत्तीसगढ़ में भी पार्टी ऐसा प्रयोग कर सकती है।

छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी लगभग 47% है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कद और कांग्रेस द्वारा जाति जनगणना के मुद्दे पर भाजपा इसे बेअसर करने के तरीके खोज रही है। छत्तीसगढ़ के पांच प्रशासनिक संभागों – रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, बिलासपुर और बस्तर में से बिलासपुर में विधानसभा सीटों की संख्या सबसे अधिक 24 है।

इसके अलावा पिछले पांच वर्षों में, बघेल सरकार को कई घोटालों से संबंधित कई आरोपों का सामना करना पड़ा है। सरकार पर 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से लेकर कोयला-लेवी घोटाले के आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं जुलाई में रायपुर की एक रैली में पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ को अपना एटीएम मानती है। वहीं कल हुई बिलासपुर सभा में पीएम मोदी ने साफ तौर पर कहा कि अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो पीएससी घोटाले की जांच की जाएगी।


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