भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड से जुड़े सभी आंकड़े जारी किए
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड से जुड़े सभी आंकड़े जारी कर दिए हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सूची भी प्रकाशित की। इस बीच नए डेटा से पता चला है कि 487 दानदाताओं ने चुनावी बॉन्ड के जरिए भारतीय जनता पार्टी को चंदा दिया है।


भारतीय जनता पार्टी को चुनावी बांड (Electoral Bonds) के माध्यम से 6,060 करोड़ रुपये का भारी भरकम चंदा मिला। पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले टॉप 10 दानदाताओं ने 2,119 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। बीजेपी को मिले कुल चंदे का करीब 35 फीसदी हिस्सा शीर्ष 10 दानदाताओं ने दिया है।

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‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज लिमिटेड’ ने सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड खरीदे थे। कंपनी ने कुल 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किये थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस कंपनी ने बीजेपी को 100 करोड़ रुपये का फंड दिया था। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और डीएमके को भी चंदा दिया गया। फ्यूचर गेमिंग कंपनी ने तृणमूल कांग्रेस को 542 करोड़ रुपये और डीएमके को 503 करोड़ रुपये का चंदा दिया।
टॉप 10 में और कौन?
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा टॉप-10 लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों को चंदा दिया है। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 1,192 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। उन्होंने कांग्रेस को 110 करोड़ रुपये और बीजेपी को करीब पांच गुना चंदा दिया। मेघा गु्रप से बीजेपी को 584 करोड़ रुपये का फंड मिला। इस कंपनी से बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा मिला है।
इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) के जरिए सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों की लिस्ट में एमकेजे गु्रप तीसरे नंबर पर है। इस कंपनी का मुख्यालय कोलकाता में है। उन्होंने 617 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे। लेकिन इसका आधे से ज्यादा यानी 372 करोड़ रुपए बीजेपी को दे दिया गया। कांग्रेस को 161 करोड़ और तृणमूल कांग्रेस को 47 करोड़ रुपये का चंदा मिला।
टॉप 10 कंपनियों की लिस्ट में आरपीएसजी गु्रप चौथे स्थान पर है। इस ग्रुप की 8 कंपनियों ने 584 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे। इन समूहों में हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये, धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने 115 करोड़ रुपये, फिलिप्स कार्बन ने 35 करोड़ रुपये और क्रिसेंट पावर ने 34 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। इन चारों कंपनियों ने मिलकर 561 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। इनमें से टीएमसी को सबसे ज्यादा 419 करोड़ रुपये, बीजेपी को 126 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 15 करोड़ रुपये मिले।
आदित्य बिड़ला गु्रप से 553 करोड़ रु
इस सूची में आदित्य बिड़ला गु्रप पांचवां सबसे बड़ा दानदाता है। इस ग्रुप की टॉप तीन कंपनियों ने 475 करोड़ रुपये के बॉन्ड (Electoral Bonds) खरीदे थे। एस्सेल माइनिंग ने 225 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे, उत्कल एल्युमिना इंटरनेशनल ने 145 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे और बिड़ला कार्बन ने 105 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे।
आरपीएसजी गु्रप ने कुल 553 करोड़ रुपये के चुनावी बांड (Electoral Bonds:) खरीदे। इसमें से बीजेडी को 245 करोड़ रुपये और बीजेपी को 230 करोड़ रुपये मिले। इस समूह की शीर्ष तीन दानदाता कंपनियों ने 475 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। एस्सेल माइनिंग ने 225 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे, उत्कल एल्युमिना इंटरनेशनल ने 145 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे और बिड़ला कार्बन ने 105 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे।
वेदांता और भारती ग्रुप से भी दान
इस लिस्ट में अगला नाम है क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड का। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी है। इस कंपनी ने चुनावी बांड पर 410 करोड़ रुपये खर्च किये। इसमें से 375 करोड़ रुपये बीजेपी को और 25 करोड़ रुपये शिवसेना को दिए गए।
वेदांता लिमिटेड सबसे ज्यादा बांड (Electoral Bonds) खरीदने वालों की सूची में सातवें स्थान पर है। इस कंपनी ने 401 करोड़ रुपये के बॉन्ड लिये थे। इससे सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को हुआ और उन्हें 227 करोड़, कांग्रेस को 104 करोड़ और बीजेडी को 40 करोड़ मिले। भारती गु्रप की चार कंपनियों ने 247 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे। इसमें से बीजेपी को 197 करोड़ रुपये मिले। इस बीच गु्रप की कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड ने 183 करोड़ रुपये खर्च किये।
जिंदल और टोरेंट गु्रप से भी दान
जिंदल ग्रुप की चार कंपनियों ने 192 करोड़ रुपये के बॉन्ड दान किये। 192 करोड़ में से बीजेडी को सबसे ज्यादा 100 करोड़ रुपये मिले। कांग्रेस को 20 करोड़ रुपये और बीजेपी को 2 करोड़ रुपये मिले। इनमें सबसे बड़ा खरीदार जिंदल स्टील एंड पावर था। उन्होंने 123 करोड़ रुपए तक खर्च किए।
इस लिस्ट में टॉप 10 में 10वीं कंपनी अहमदाबाद की टोरेंट गु्रप है। इस ग्रुप की तीन कंपनियों ने 184 करोड़ रुपये के बॉन्ड दान किये। इसमें से बीजेपी को 107 करोड़, कांग्रेस को 17 करोड़ और आम आदमी पार्टी को 7 करोड़ मिले। गु्रप में टोरेंट पावर लिमिटेड ने सबसे ज्यादा 107 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।