रायपुर । भाजपा ने बयान दिया है कि आगामी चुनाव में भाजपा किसी चेहरे को आगे नहीं करेगी। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कर्नाटका हार के बाद भाजपा को अब प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर से भी भरोसा उठ गया है इसीलिये भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने घोषणा किया है कि आगामी पांच राज्यों में भाजपा मोदी के भी चेहरे को आगे नहीं करेगी बल्कि वह कमल छाप को आगे कर चुनाव लड़ेगी, भाजपा का यह बयान उसके चुनाव के पहले ही हार की स्वीकारोक्ति को दर्शाता है।
छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार की नीतियों का मुकाबला करने के लिये भाजपा के पास कोई नेता नहीं है। इसलिये भाजपा किसी भी के चेहरे को आगे करने के लिये परहेज कर रही है। सामूहिक नेतृत्व का ढोंग करने को मजबूर है। भाजपा के पास कोई भी विश्वसनीय चेहरा नहीं है जिसको आगे करके वह 2023 के विधानसभा चुनाव में जायेगी।
छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेताओं पर से जनता का भरोसा उठ ही गया था, अब उनके आलाकमान को भी भरोसा नहीं है। स्वयं रमन सिंह के नेतृत्व को जनता 2018 में नकार दिया था। रमन मंत्रिमंडल के सारे नेताओं पर भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी के दाग लगे है। यही कारण है कि किसी को चेहरा बनाने का साहस नहीं दिखा पा रही। पहले डॉ. रमन ने स्वीकार किया था कि वे भी भाजपा का छोटा-मोटा चेहरा है, बाद में उन्होंने खुद माना कि उनकी पार्टी में कोई भी चेहरा नहीं है। भाजपा नेताओं का यह बयान 2023 के चुनाव के पहले ही भाजपा की हार को प्रदर्शित करता है
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता उनकी सरकार की योजनाओं के सामने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सारे नेता बौने साबित हो गये है। भाजपा नेतृत्व को समझ ही नही आ रहा किसे आगे करे इसीलिये भाजपा ने साढ़े चार साल में चार अध्यक्ष बदल लिया, नेता प्रतिपक्ष बदल लिया। 2018 में धरमलाल कौशिक के अध्यक्ष रहते भाजपा विधानसभा चुनाव हार गयी। उसके बाद विक्रम उसेंडी अध्यक्ष बनाये गये उनके नेतृत्व में चित्रकोट, दंतेवाड़ा उपचुनाव, निकाय चुनाव हारने के बाद नया अध्यक्ष विष्णुदेव साय को बनाया गया उनके नेतृत्व को भी जनता ने नकार दिया दो उपचुनाव मारवाही, खैरागढ़ पंचायत और नगरीय निकाय के दूसरे चरण में भाजपा बुरी तरह हार गयी अब अरूण साव को आगे लेकर आये है। उनके नेतृत्व में भाजपा भानुप्रतापपुर उपचुनाव हारी अब 2023 का विधानसभा चुनाव हारने की तैयारी है।