इस जिले के 20 शिक्षकों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, जानिए क्या है वजह..?


0 कई शिक्षक तो 10-11 साल से नहीं आ रहे स्कूल…

बिलासपुर। जिले में स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न शालाओं से 20 शिक्षक एवं कर्मचारी लंबे समय से अनधिकृत रूप से नदारद हैं। इनमें 13 शिक्षकों की गैरहाजिरी 3 साल से अधिक अवधि की और 7 शिक्षक एवं कर्मचारी 3 साल से कम अवधि से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं।

DEO ने कलेक्टर को सौंपी सूची

जिला शिक्षा अधिकारी ने आज टीएल की बैठक में जिला कलेक्टर अवनीश शरण को उनके निर्देशों के अनुरूप नदारद शिक्षकों की सूची सौंप दी। कलेक्टर ने तीन साल से अधिक अवधि से गायब शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिए अंतिम नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। तीन साल से कम अवधि वाले कर्मियों को भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा है। इनमें से कुछ शिक्षक तो दस-दस, ग्यारह-ग्यारह साल से बिना सूचना के स्कूल से गायब हैं। इससे स्कूल की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

ये है गैरहाजिर शिक्षकों की फेहरिश्त

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिल्लीबंद (कोटा)के शिक्षक बत्तीलाल मीना 11 वर्ष से, श्रीमती मनोरमा तिवारी रिस्दा 10 साल से, श्रीमती प्रेमलता पाण्डेय नवागांव 9 साल से, राकेश उरांव दर्रीघाट 8 साल से, श्रीमती अल्का महतो फरहदा 7 साल से, श्रीमती नलिनी अग्रवाल दर्रीघाट 6 साल से, दिव्यनारायण रात्रे 6 साल से, स्टेनली मार्क एक्का तिफरा, 5 साल से, बसंत कुमार लकड़ा ओखर 5 साल से, श्रीमती शारदा सिंह, मोढ़े 5 साल से, यशवंत कुमार साहू डण्डासागर 3 साल से, मेघा यादव परसापानी 3 साल से, हरीराम पटेल भटचैरा 3 साल से, शिवकुमार बछालीखुर्द 2 साल से, अमन मिरी 22 महीने से, श्याम सुंदर तिवारी सीपत 18 माह से, राकेश मिश्रा बेलसरा 18 माह से, मदनलाल श्यामले कंआंजति 17 माह से, रामबिहारी ताम्रकार मस्तरी 15 माह से तथा शशिकान्त यादव सीस 11 महीने से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं।बताते चलें कि लगातार तीन साल से अधिक अवधि से शासकीय सेवा से बाहर रहने पर कर्मचारी की सेवा समाप्ति के नियम हैं।


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