नयी दिल्ली 25 अप्रैल 2025। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में आक्रोश की लहर है। हमले के मास्टरमाइंड आदिल हुसैन थोकर उर्फ आदिल गुरी और उसके साथी आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है। सेना ने आदिल के अनंतनाग जिले के गोरी इलाके में स्थित घर को बम से उड़ा दिया है। इसके अलावा हमले में शामिल दूसरे आतंकी आसिफ शेख के पुलवामा जिले के त्राल स्थित घर को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है।









जानकारी के अनुसार, पहलगाम में हमला करने वाले चार आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। इन आतंकियों ने स्टील टिप वाली गोलियों से लैस AK-47 राइफलों और बॉडी कैमरा पहनकर पर्यटकों को निशाना बनाया। हमले में 26 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई घायल हुए। इस कायराना हरकत की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सहयोगी इकाई “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली है।
सूत्रों के मुताबिक, हमले के मुख्य आरोपी आदिल थोकर ने वर्ष 2018 में अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए वैध रूप से पाकिस्तान की यात्रा की थी। वहां उसने आतंकी कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त किया और बाद में वापस लौटकर घाटी में सक्रिय हो गया। इस हमले को अंजाम देने में पाकिस्तानी आतंकियों की भी भूमिका बताई जा रही है, जिन्हें आदिल ने स्थानीय स्तर पर सहायता दी।
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे।” इसके बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुट गए हैं। लगातार छापेमारी, खुफिया इनपुट्स और संदिग्धों की धरपकड़ जारी है। सेना और स्थानीय प्रशासन का साफ कहना है कि आतंक के इस तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकी नेटवर्क की गंभीरता और उसके खिलाफ सख्त रणनीति की आवश्यकता को रेखांकित किया है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरकार और सुरक्षाबल इस नेटवर्क को किस हद तक ध्वस्त कर पाते हैं।