रायपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस सरकार पर लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपो को कांग्रेस ने खारिज किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा राजनैतिक दुर्भावना वश कांग्रेस सरकार पर गलत आरोप लगाया। पहले ईडी को भेजकर गलत कार्यवाही करवाया फिर उसी आधार पर सरकार को बदनाम करने आरोप लगाया। प्रधानमंत्री रमन सरकार के एक लाख करोड़ के भ्रष्टाचार पर मौन रहे। छत्तीसगढ़ में रमन राज में 36000 करोड के नान घोटाला, अगस्ता और पनामा घोटाला, डीकेएस घोटाला, प्रियदर्शनी सहकारी बैंक घोटाला, ई-टेंडरिंग घोटाला, घटिया मोबाइल खरीदी घोटाला, मच्छरदानी घोटाला, गुणवत्ता हीन एक्सप्रेसवे, अनुपयोगी स्काईवॉक घोटाला, 6000 करोड़ का चिटफंड घोटाला सहित एक लाख करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार के आरोप रमन सिंह पर है लेकिन केवल भाजपा नेता होने के कारण रमन सिंह को मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार भाजपा के लिए केवल सिलेक्टिव पॉलिटिक्स का राजनीतिक हथियार है। विगत 9 वर्ष के मोदी राज में केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से ईडी, आईटी, सीबीआई ने जितने आरोपियों को जेल भेजा उससे कई गुना ज्यादा आरोपियों को भाजपा में भेजकर उनके खिलाफ संस्थित जांच भी रोक दिया गया। पिछले हफ्ते भोपाल में यही मोदी छाती ठोक ठोक कर एनसीपी नेताओं के भ्रष्टाचार गिना रहे थे और आज वही अजीत प्रवार, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल हसन मुशरीफ जैसे नेता जिन पर 70 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था ना केवल उन्हें गले लगा लिया बल्कि उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों के पद से भी नमाज दिए। मध्य प्रदेश के शिवराज सरकार का व्यापम घोटाला जिसकी जांच के दौरान ही 100 से ज्यादा गवाहों और संबंधित पक्षकारों की मौत हो गई या कहें साक्ष्य छुपाने हत्या कर दी गई उस पर मोदी मौन है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नारायण राणे, एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों पर ईडी आईटी की कार्यवाही लंबित थी, लेकिन भाजपा के साथ आते ही जांचें स्थगित। हाल ही में अजित पवार, छगन भुजबल सहित आठ विधायकों पर ईडी की कार्यवाही लंबित थी अब वे सभी महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के सहयोगी हैं। असम में हेमंत बिसवा सरमा, पश्चिम बंगाल में मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी, कर्नाटक में येदुरप्पा के भ्रष्टाचार, खनन माफिया रेड्डी बंधुओं का काला धन भाजपा के संरक्षण में सफेद हो गया। रमेश पोखरियाल निशंख के भूमि एवं जल विद्युत परियोजना में किया गया भ्रष्टाचार भी सर्वविदित है। 2008 से 2022 के बीच गुजरात में 600 करोड़ का कोयला घोटाला हुआ 60 लाख टन कोयला गायब होने के आरोप लगे लेकिन आज तक जांच नहीं। उत्तर प्रदेश में 22 सौ करोड़ का प्रोविडेंट फंड घोटाला हुआ लेकिन मोदी उस पर भी मौन रहे। बरेली का चिटफंड घोटाला भी भाजपा के षड्यंत्र से हुआ। दरअसल भाजपा और मोदी सरकार को भ्रष्टाचार से परहेज नहीं केवल राजनीतिक पाखंड है मोदी सरकार का षड्यंत्र विपक्ष की राज्य सरकारों को अस्थिर करने दूसरे दल के नेताओं को डराने धमकाने के लिए केवल भ्रष्टाचार के तथ्य हीन आरोप लगा कर केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग कर भाजपा राजनैतिक एजेंडे को पूरा करने का है।