सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (लौह) श्री तापस दासगुप्ता को 20 से 22 नवंबर 24 तक बेंगलुरु में आयोजित आईआईएम की 78वीं वार्षिक तकनीकी बैठक में भारतीय धातु संस्थान द्वारा ब्लास्ट फर्नेस आधारित आयरन मेकिंग के क्षेत्र में उनके मौलिक योगदान के लिए आईआईएम-टीएसएल न्यू मिलेनियम अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार श्री दासगुप्ता को आईआईएम के अध्यक्ष श्री सज्जन जिंदल, आईआईएम के उपाध्यक्ष श्री बी एस मूर्ति, आईआईएम की उपाध्यक्ष डॉ. कोमल कपूर और आईआईएम के कोषाध्यक्ष श्री सोमनाथ गुहा द्वारा 20 नवंबर 2024 को बेंगलुरु में प्रदान किया गया।
आईआईएम 78वीं वार्षिक तकनीकी बैठक के भाग के रूप में “ट्रांसफॉर्मेशनल टेक्नोलॉजीस इन मटेरियल्स एंड मैन्युफैक्चरिंग” पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैय्या भी पुरस्कार वितरण समारोह में उपस्थित थे।
श्री तापस दासगुप्ता ने कई दशकों तक सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस विभाग में कार्य किया है, जहां उन्होंने आयरन मेकिंग संचालन के महत्वपूर्ण क्षेत्र में समृद्ध योगदान दिया। भिलाई इस्पात संयंत्र के आयरन जोन के प्रमुख के रूप में मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (लौह) के पद तक पहुंचने वाले श्री दासगुप्ता को ब्लास्ट फर्नेस संचालन में कई तकनीकी उन्नयन, उनका कार्यान्वयन और स्लैग का उपयोग कर कांक्रीट पेवर ब्लॉक्स बनाने सहित कई नवाचारों का भी श्रेय दिया जाता है।
इंटीग्रेटेड स्टील मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया में एक प्राथमिक अपशिष्ट, एलडी स्लैग का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाले पर्यावरण-अनुकूल इंटरलॉकिंग कांक्रीट फ़र्श ब्लॉकों में रूपांतरण, भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम वैश्विक स्तर पर गैर-नवीकरणीय संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता को पूरा करते हुए स्टील स्लैग के लाभकारी उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। यह ब्लॉक्स पैदल यात्री और गैर-यातायात अनुप्रयोग के लिए उत्पादित कांक्रीट इंटरलॉकिंग फ़र्श ब्लॉक इकाइयों में प्राकृतिक रेत के प्रतिस्थापन के रूप में क्रश्ड अपशिष्ट फर्नेस स्टील स्लैग का लाभकारी उपयोग किया गया है।