भारतीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगे हुए प्रतिबंध को भारत सरकार द्वारा हटाया गया है, जो एक अत्यंत ऐतिहासिक एवं स्वागत योग्य कदम है। राष्ट्र के निर्माण में निर्भीक, स्वत: और सांस्कृतिक सेवा करने वाली सामाजिक एवं सास्कृतिक संगठन है। राष्ट्र को अखंड एवं अक्षुण्ण बनाए रखने में संघ के महत्वपूर्ण भूमिका है, विशेष कर युद्ध, गृह युद्ध, बाढ़ एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय जन सहयोग के लिए किए गए संघ के कार्य ऐतिहासिक एवं सराहनीय रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आंदोलन पूर्णतया अहिंसात्मक रहा है। सरकार के इस आदेश से राष्ट्र के नवनिर्माण में सरकारी कर्मचारी की भूमिका और अधिक कारगर एवं स्पष्ट होगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक की स्थापना 27 सितंबर 1925 को हुई थी और वर्तमान में विश्व की सबसे बड़ी स्वयंसेवी संस्था है ,आज देशभर में इसके 55000 से ज्यादा शाखाएं लगते हैं।
बौद्धिक चर्चा एवं परिचर्चा देश के नवनिर्माण की के लिए के लिए रचनात्मक पहल है, और साथ ही साथ शारीरिक दक्षता पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में आम जनता स्वयं की इच्छा से अपने सेवाए प्रदान करती है । मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं और विश्वास करता हूं कि इस फैसले के भारत के भविष्य में और नवनिर्माण में दूरगामी सकारात्मक परिणाम होंगे।